अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताते हुए उम्मीद व्यक्त की है कि यह टकराव जल्द ही समाप्त होगा। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि यदि हम इतिहास को देखें, तो भारत और पाकिस्तान कई दशकों और सदियों से संघर्षरत हैं। उन्होंने दोहराया, “मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाए।”
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि उन्हें इस मुद्दे की जानकारी मंगलवार शाम को ओवल ऑफिस में एक कार्यक्रम से पहले मिली थी। उन्होंने कहा, “हमने इसके बारे में तब सुना जब हम ओवल के दरवाजे से अंदर जा रहे थे। मुझे लगता है कि लोगों को पहले से अंदेशा था कि कुछ बड़ा होने वाला है। यह अतीत की कुछ घटनाओं पर आधारित था।”
ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष ने न केवल दोनों देशों को प्रभावित किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंताओं को जन्म दिया है। उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील की।
इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग भी घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। एक प्रवक्ता ने बताया कि विभाग इस मामले पर करीब से निगरानी रख रहा है और क्षेत्र में शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दे रहा है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पिछले हफ्ते भारतीय नियंत्रित कश्मीर में हुए कथित नरसंहार और इसके बाद उत्पन्न हुए तनाव को देखते हुए भारत और पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों से संवाद किया था।
विदेश विभाग द्वारा 30 अप्रैल को जारी दो बयानों में यह बताया गया कि रुबियो ने दोनों देशों से तनाव को कम करने के लिए मिलकर काम करने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से समाधान निकालने की दिशा में पहल की जानी चाहिए।
भारत ने बुधवार तड़के जानकारी दी कि उसने पाकिस्तान के खिलाफ एक सैन्य अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ की गई है और इसका उद्देश्य सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकना है।
इस घटनाक्रम के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर अमेरिका, इस स्थिति को लेकर सजग है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील कर रहा है।
राष्ट्रपति ट्रंप की इस प्रतिक्रिया और अमेरिकी विदेश विभाग की सक्रियता से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक शक्तियां इस संघर्ष को लेकर गंभीर हैं और क्षेत्र में शांति बहाली के लिए प्रयासरत हैं।