भागलपुर स्कूली बच्चों को ढोने वाली निजी गाड़ियों में भी परिवहन मानकों का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधकों को दी गई है। स्कूल प्रबंधकों को दो टूक कहा गया है कि उनके विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ढोने वाली निजी गाड़ियां भी स्कूल की ही मानी जाएंगी। विद्यालय प्रबंधन इससे आनाकानी नहीं कर सकते हैं। वे निजी ऑपरेटरों के साथ एग्रीमेंट करें और परिवहन मानकों का वहां भी शत-प्रतिशत पालन कराएं।
जिला परिवहन पदाधिकारी फिरोज अख्तर ने शुक्रवार को शहर के दर्जनों स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक कर सरकार के निर्देशों से अवगत कराया। बाल परिवहन को लेकर आयोजित बैठक में कई प्रबंधकों ने कहा कि उनकी गाड़ियां मानक के अनुरूप हैं, लेकिन प्रशासन को प्रतिवेदन नहीं दिया गया है। डीटीओ ने प्रतिवेदन जल्द देने को कहा है। डीटीओ ने कहा कि स्कूली बस-गाड़ियां तो अब क्षमता से ज्यादा बच्चों को नहीं बिठा रहे हैं लेकिन निजी ऑपरेटरों की गाड़ियां, ऑटो, टोटो में मानक नहीं दिख रहा है। इसके लिए स्कूल प्रबंधन उनके यहां पढ़ रहे बच्चों को ढोने वाली गाड़ियां का एग्रीमेंट करें और मानक का पालन कराएं। निजी ऑपरेटरों से एक बांड लेना होगा कि वे परिवहन मानकों का उल्लंघन नहीं करेंगे।
वाहनों पर स्कूल का नाम, चालक का मोबाइल नंबर अंकित रहे
डीटीओ ने कहा कि किसी वाहन स्वामी या ऑपरेटरों द्वारा उल्लंघन होने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रबंधकों को कहा गया है कि वे अपने यहां एक नोडल शिक्षक तैनात करें जो वाहनों के रखरखाव आदि की जांच करें। सभी वाहनों के चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस, बसों में फायर इंस्टीग्यूशर, खिड़कियों की सलामत कांच, प्रदूषण सर्टिफिकेट, गाड़ी के कागजात, ऑनर बुक, वैध बीमा पेपर आदि की जांच करते रहें। स्कूली बच्चों को ढोने वाली गाड़ियों में विद्यालय का नाम, चालक का नाम व मोबाइल नंबर भी जरूर अंकित रहे।