भागलपुर के ऐतिहासिक सैंडिस्क कंपाउंड मैदान में पिछले कुछ महीनों से स्मार्ट सिटी परियोजना के नाम पर एंट्री शुल्क वसूला जा रहा है। इस नए नियम के चलते रोजाना सुबह–शाम टहलने आने वाले लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बिना किसी आवश्यक सुविधा के शुल्क वसूलना अनुचित है और यह आम जनजीवन पर सीधे असर डाल रहा है।
सुबह की सैर पर निकली महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि मैदान में न पीने के पानी की व्यवस्था है, न साफ-सफाई, और न ही बैठने की उचित सुविधा। ऐसे में केवल नाम के आधार पर शुल्क लेना गलत है। कुछ महिलाओं ने यह भी बताया कि कई बुजुर्ग और बच्चे सिर्फ ताजी हवा लेने मैदान में आते हैं, लेकिन शुल्क की वजह से अब वे भी आने से कतराने लगे हैं।
वहीं बुजुर्गों ने इसे नगर निगम का “तुगलगी फरमान” बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि जब मैदान में किसी प्रकार की अलग व्यवस्था या सुविधा उपलब्ध नहीं है तो शुल्क वसूलने का कोई तर्कसंगत आधार नहीं बचता। उन्होंने कहा कि यह जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने जैसा है।
स्मार्ट सिटी प्रबंधन के अनुसार कंपाउंड में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक एंट्री शुल्क लागू रहता है। ठंड के मौसम में लोग देर से घर से निकलते हैं और इस वजह से कई नियमित वॉकरों को समय सीमा के कारण परेशानी हो रही है। टहलने वालों ने कहा कि या तो शुल्क का समय बढ़ाया जाए या फिर शुल्क समाप्त कर दिया जाए, ताकि आम लोगों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े।
स्थानीय लोगों ने स्मार्ट सिटी प्रबंधन और नगर निगम से मांग की है कि मैदान में बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाए—जैसे साफ-सफाई, वाटर पॉइंट, बैठने की व्यवस्था और सुरक्षा। यदि यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकतीं, तो शुल्क वसूली पर पुनर्विचार कर उसे तुरंत बंद किया जाए।
लोगों का कहना है कि सैंडिस कंपाउंड शहर की धरोहर है और इसे सभी के लिए सुलभ और सरल रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
