भागलपुर के टीएमबीयू परिसर में आज छात्र राष्ट्रीय लोक मोर्चा के पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन ने पीजी अम्बेडकर विचार विभाग की जर्जर हालत और प्रशासन की लगातार अनदेखी को लेकर कड़ा विरोध जताया। इसी क्रम में प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर कुलसचिव का पुतला दहन कर अपना रोष व्यक्त किया।
जानकारी के अनुसार, छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष सत्यम मिश्रा द्वारा लगभग 15–20 दिन पहले कुलपति को विभाग की स्थिति को लेकर लिखित आवेदन दिया गया था। इसके बावजूद, विभाग की मरम्मत, सुरक्षा व्यवस्था या पुनर्निर्माण पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। छात्रों का आरोप है कि जब जिलाध्यक्ष सत्यम मिश्रा ने व्यक्तिगत रूप से कुलसचिव से इस मामले में बात करने की कोशिश की, तो पहले तो उन्हें मिलने नहीं दिया गया और जब किसी तरह वार्ता संभव हुई, तो कुलसचिव ने साफ शब्दों में कहा कि “हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं।” इस बयान ने छात्रों का आक्रोश और बढ़ा दिया।
प्रदर्शन का नेतृत्व विश्वविद्यालय कार्यकारी अध्यक्ष गिरीश झा और छात्र जिलाध्यक्ष सत्यम मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया। गिरीश झा ने कहा कि अम्बेडकर विचार विभाग की स्थिति न केवल शर्मनाक है, बल्कि छात्रों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने प्रशासन की चुप्पी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चेतावनी दी कि अगर तुरंत विभाग की मरम्मत या पुनर्निर्माण शुरू नहीं किया गया, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर छात्रों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।
वहीं छात्र जिलाध्यक्ष सत्यम मिश्रा ने कहा कि पूरे देश में यह एकमात्र अम्बेडकर विचार विभाग है, लेकिन इसकी दुर्दशा विश्वविद्यालय प्रशासन की अराजकता और भ्रष्टाचार को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन के पास मरम्मत के लिए फंड की कमी है, तो छात्र चंदा एकत्र कर खुद मरम्मत कराने को तैयार हैं, लेकिन इस जर्जर भवन में पढ़ाई करना किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगा।
छात्रों का कहना है कि विभाग की दीवारें और छतें टूट रही हैं, कहीं भी सुरक्षा मानक पूरे नहीं होते और कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बावजूद इसके, विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार मौन है। छात्रों ने कहा कि यह मुद्दा केवल पढ़ाई का नहीं, बल्कि छात्रों की जान से जुड़ा सवाल है।
आज के विरोध प्रदर्शन ने परिसर में प्रशासन के प्रति व्यापक असंतोष उजागर कर दिया। छात्र नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में और बड़े स्तर पर आंदोलन चलाया जाएगा।
