पटना। बिहार की राजनीति में बड़ा बवाल उस समय मच गया जब खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग के केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सोशल मीडिया के माध्यम से जान से मारने और बम से उड़ाने की धमकी दी गई। इस धमकी के बाद न केवल चिराग पासवान की सुरक्षा को लेकर चिंता गहराई है बल्कि पुलिस विभाग में भी हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
एलजेपी के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने इस संबंध में शुक्रवार की रात करीब 9 बजे पटना साइबर थाना में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को ‘टाइगर मिराज इदिसी’ नामक इंस्टाग्राम अकाउंट से एक यूट्यूब पत्रकार के इंस्टाग्राम अकाउंट पर धमकी भरा मैसेज भेजा गया। धमकी में स्पष्ट रूप से कहा गया कि 20 जुलाई को चिराग पासवान को बम से उड़ा देंगे और हत्या मेरे हाथों होगी।

साइबर थाना प्रभारी सह डीएसपी नीतिश चंद्र धारिया ने धमकी की पुष्टि करते हुए बताया कि हमें केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को सोशल मीडिया के माध्यम से जान से मारने की धमकी देने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है। मामला अत्यंत गंभीर है और इसे प्राथमिकता देते हुए तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम इस मामले से जुड़े डिजिटल सबूतों को इकट्ठा करने में जुटी हुई है और धमकी देने वाले व्यक्ति या समूह की पहचान करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संबंधित डेटा और आईपी एड्रेस ट्रेस करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
इसी बीच चिराग पासवान के बहनोई एवं जमुई से सांसद अरुण भारती ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से धमकी की जानकारी साझा करते हुए कहा कि अप्रत्याशित हार के डर से राजद के आपराधिक तत्व जो बिहार में जंगलराज 2.0 लाना चाहते हैं, बौखलाहट में अब चिराग पासवान जी को बम से उड़ाने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह धमकी एक सम्मानित यूट्यूबर पत्रकार के पोस्ट पर कमेंट के रूप में दी गई है, जिसमें धमकी देने वाले ने लिखा है कि 20 जुलाई को चिराग पासवान को बम से उड़ा दिया जाएगा और हत्या करने की जिम्मेदारी लेने की बात कही गई है।
बिहार की राजनीति में बढ़ती आपराधिक गतिविधियाँ और नेताओं को मिल रही धमकियों ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले भी आरएलएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, पप्पू यादव और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को सोशल मीडिया और फोन कॉल के माध्यम से हत्या की धमकी मिल चुकी है। उपेंद्र कुशवाहा को एक महीने में दो बार सोशल मीडिया से धमकी दी गई, वहीं पप्पू यादव और गिरिराज सिंह को भी इसी प्रकार धमकी दी गई थी।
चिराग पासवान की बात करें तो वह बिहार की राजनीति में युवा और प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। हाल ही में लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर एनडीए गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद उन्हें खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का प्रभार मिला है। उनकी पार्टी एलजेपी (रामविलास) बिहार में राजनीतिक रूप से निर्णायक भूमिका में है। ऐसे में उनके खिलाफ इस प्रकार की धमकी न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी गंभीर मानी जा रही है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को Z श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। Z श्रेणी सुरक्षा के तहत 33 कमांडो उनकी सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहते हैं, साथ ही 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड उनके घर पर ड्यूटी में रहते हैं। इसके अलावा 6 राउंड द क्लॉक पीएसओ और 12 कमांडो हर समय उनके साथ रहते हैं। इसके बावजूद इस प्रकार की धमकी ने उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
इस बीच, पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भी इस धमकी के बाद रोष है। समर्थक लगातार सोशल मीडिया पर धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एलजेपी की ओर से कहा गया है कि पार्टी इस मामले में सरकार और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करेगी ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में सबसे पहले धमकी देने वाले इंस्टाग्राम अकाउंट का रजिस्टर्ड ईमेल, मोबाइल नंबर और आईपी एड्रेस ट्रेस किया जा रहा है। इसके अलावा धमकी भेजने के समय की लोकेशन भी निकाली जा रही है ताकि आरोपी की गिरफ्तारी में तेजी लाई जा सके। साइबर क्राइम टीम सोशल मीडिया कंपनी से भी तकनीकी जानकारी जुटा रही है ताकि अपराधी तक शीघ्र पहुंचा जा सके।
इस घटनाक्रम के बाद बिहार में एक बार फिर साइबर सुरक्षा और नेताओं की व्यक्तिगत सुरक्षा का मुद्दा गरमाया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से इस प्रकार की धमकियाँ एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा हो सकती हैं जिससे नेताओं को भयभीत कर राजनीतिक अस्थिरता पैदा की जाए।
फिलहाल, पुलिस और साइबर सेल की टीम ने जांच तेज कर दी है और इस मामले में जल्द ही गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। पटना पुलिस और गृह मंत्रालय की ओर से भी इस मामले पर नजर रखी जा रही है ताकि केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा में कोई चूक न हो।
यदि धमकी देने वाले की पहचान और गिरफ्तारी जल्द नहीं होती, तो यह मामला आने वाले समय में बिहार की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, क्योंकि चिराग पासवान के समर्थक भी इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन की तैयारी में दिख रहे हैं।
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