जदयू के विधायक ने पटना में बीएसएससी के प्रश्नपत्र लीक मामले में छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने बचाव किया। उन्होंने लाठीचार्ज को जायज ठहराते हुए कहा कि यह आदोंलन को रोकने के लिए राज्य के कार्य करने के तरीकों में से एक है।
भागलपुर । जदयू के विधायक ने पटना में बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के प्रश्नपत्र लीक मामले में छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने का बचाव किया। उन्होंने छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज को जायज ठहराते हुए कहा कि यह आंदोलन को रोकने के लिए राज्य के कार्य करने के तरीकों में से एक है, तंत्र ऐसे ही काम करता है।
एमएलए गोपाल मंडल ने एएनआई से कहा कि ऐसा होना ही था। छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन किया होगा, इसलिए उन पर लाठीचार्ज किया गया। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज, प्लास्टिक की गोलियां फेंकना और वाटर कैनन का छिड़काव कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनसे राज्य किसी विरोध पर अंकुश लगाता है।
विरोध चलता रहा तो परीक्षाएं रद्द कर देनी चाहिए’
उन्होंने आगे कहा कि अब अगर कोई मुझे ही गाली देता है या धक्का देता है, तो मेरे लोग मेरी रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाल देंगे। इसी तरह, अगर छात्र ऐसी स्थिति पैदा करते हैं, तो लाठीचार्ज तो होगा ही। लाठी चार्ज के आरोप तो लगते रहते हैं, लेकिन छात्र इस तरह का विरोध करते रहे तो परीक्षाएं रद्द कर दी जानी चाहिए।
बता दें कि बीएसएससी द्वारा आयोजित क्लर्क ग्रेड की लिखित परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, जिसे लेकर पटना में बीएसएससी की तीनों पालियों की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान अभ्यर्थियों पर बिहार पुलिस ने बुधवार को लाठी चार्ज किया था। पेपर लीक होने के बाद से ही छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे।