दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में शुमार अमेरिका अपने यहां सक्रिय गन लॉबी के आगे बेबस है। अमेरिका के कई राष्ट्रपति समय-समय पर इसे नियंत्रित करने की मंशा जता चुके हैं लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो पाया। टेक्सास के स्कूल में फायरिंग की ताजा घटना के बाद मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा है कि इससे निपटने का वक्त आ गया है।
अमेरिका में साल-दर-साल बंदूक से हिंसा के मामले बढ़े हैं। इस देश में आबादी से ज्यादा बंदूकें होना स्थिति की गंभीरता को बताने के लिए काफी है। गन लॉबी के आगे सरकार की बेबसी का आलम ये है कि वर्ष 2020 में बंदूक 45,222 लोगों की जान का दुश्मन बनी। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) और प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार वर्ष 2020 में 43 फीसदी हत्या, 54 फीसदी आत्महत्या और तीन फीसदी अन्य तरह की मौतों का कारण बंदूक है।
आठ फीसदी हत्या के लिए बंदूक दोषी
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में दस में से आठ (79) फीसदी हत्या के मामलों का कारण बंदूक थी। वर्ष 2020 में कुल 24,576 घटनाओं में से 19,384 लोगों की हत्या की वजह बंदूक बनी है। बंदूक से होने वाली मौतों का ये आंकड़ा वर्ष 1968 के बाद सबसे अधिक है। इसी तरह आत्महत्या के कुल 45,979 मामलों में से 53 फीसदी यानी 24,292 मामलों के लिए बंदूक जिम्मेदार है। 1968 से 2017 के बीच बंदूक करीब 15 लाख लोगों की मौत का कारण बनी है।
जॉर्ज डब्ल्यू बुश: वर्ष 2001 और 2004 के राष्ट्रपति चुनाव में बुश ने चुनावी मंच से कहा था कि बंदूक खरीदने वालों के इतिहास की जांच की जाएगी। ट्रिगर लॉक कानून बनेगा। 2001 से 2009 तक राष्ट्रपति रहने के दौरान उन्होंने कहा कि बंदूक खरीदने वालों की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 की जाएगी। हालांकि राष्ट्रपति रहते हुए इन किसी भी कानून पर सहमति नहीं बन पाई।
बराक ओबामा: वर्ष 2009 से 2017 के बीच राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने गन कल्चर पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि अब कार्रवाई का समय आ गया है। वर्ष 2012 में कानून बनाया कि पार्क में बंदूक लेकर कोई नहीं जा सकेगा। बंदूक को कार की डिग्गी में बंद करना होगा। नियमों के बावजूद बराक ओबामा के कार्यकाल में भी बंदूक से जुड़ी घटनाएं होती रहीं।
डोनाल्ड ट्रंप: 2018 में सांसदों की बैठक में ट्रंप ने कहा था कि आप लोग एनआरए से डरते हैं। बैठक में ट्रंप ने कहा था कि बंदूक बेचने या खरीदने को लेकर मानसिक रूप से बीमार लोगों का इतिहास जानने को लेकर कड़े कानून की जरूरत है। सितंबर 2015 में ट्रंप ने कहा की बंदूक और गोली पर प्रतिबंध अमेरिका के लिए नाकामी होगी।