जाति आधारित गणना के सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना तो हमलोग कर रहे हैं, लेकिन जातीय आधारित जनगणना की मांग हमने पहले केंद्र से की थी। अभी भी 2011 के बाद केंद्र के स्तर पर जनगणना शुरू नहीं हुई है। हम कहेंगे कि अगली बार जनगणना हो तो केंद्र जातीय गणना भी कराए। इससे पूरे देश की स्थिति सामने आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में इस मुद्दे पर सारी पार्टियों का एक मत था।

वर्ष 2019 में बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद् दोनों जगहों से जातीय जनगणना के लिए प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन बाद में केंद्र की ओर से हुआ कि आपलोग अपने स्तर से करिए तो हमलोग अपने स्तर से करवा रहे हैं। इसमें सभी दलों की सहमति है। बख्तियारपुर जाकर हमने

खुद अपनी गणना करवाई है। इसमें सब की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जाएगा। संख्या जानने के अलावा कोई भी जाति हो, सवर्ण हो या पिछड़ा या दलित हो, मुस्लिम हो, अगर कोई खराब स्थिति में है तो उसके उत्थान के लिए काम किया जाएगा।

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