सहरसा। लंबे समय से सहरसा वासियों की जो मांग अधूरी थी, वह आज पूरी हो गई। रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की शुरुआत होते ही शहर में खुशी और उत्साह का माहौल बन गया। भूमि पूजन के साथ काम का शुभारंभ किया गया और ढोल-नगाड़ों की धुनों के बीच लोगों ने “जय जय कार” के नारे लगाकर इस क्षण का स्वागत किया। सहरसा जिलाधिकारी दीपेश कुमार ने भूमि पूजन कर रेलवे ओवरब्रिज निर्माण का कार्य शुरू कराया, जिससे शहरवासियों में उत्साह की लहर दौड़ गई।
स्थानीय निवासी रोशन सिंह धोनी ने कहा, “कई बार इस परियोजना का शिलान्यास हुआ, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। आज जिलाधिकारी ने कार्य शुरू कर हमारी वर्षों पुरानी मन्नत पूरी कर दी। अब सहरसा के विकास को कोई रोक नहीं सकता।”
जिलाधिकारी दीपेश कुमार ने भूमि पूजन के बाद कहा, “हम पहले ही कह चुके थे कि यह कार्य सितंबर माह में शुरू होगा। आज उस वादे को पूरा करते हुए काम की शुरुआत कर दी गई है। जब हम यहाँ आए तो लोगों ने बताया कि वर्षों से ओवरब्रिज की मांग की जा रही है। सहरसा को इसकी सख्त जरूरत थी। यह परियोजना 143 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है और इसे 30 महीनों में पूरा करने का संकल्प लिया गया है। लेकिन हम डबल शिफ्ट में काम कर इसे दो साल के भीतर पूरा करने की कोशिश करेंगे।”
कार्यक्रम में मौजूद संवेदक अजय यादव श्री खाटू श्याम डेवलपर्स ने बताया कि परियोजना की लागत अब 183 करोड़ रुपये तक पहुँच गई है। उन्होंने कहा, “हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि निर्धारित समय से पहले ही पुल का निर्माण पूरा कर दें ताकि सहरसा की जनता को जल्दी सुविधा मिल सके।”
स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी और प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। कई नागरिकों ने कहा कि ओवरब्रिज बनने से शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, जाम की समस्या से राहत मिलेगी और व्यापार व विकास को नई गति मिलेगी। महिलाओं और बच्चों ने भी इस परियोजना को लेकर आशा जताई कि इससे शहर में आवाजाही आसान होगी और सुरक्षित परिवहन की सुविधा मिलेगी।
भूमि पूजन के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी विशेष इंतज़ाम किए गए थे। लोगों में उत्साह के साथ-साथ विकास की उम्मीदें साफ झलक रही थीं। शहर में यह ओवरब्रिज केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि वर्षों की प्रतीक्षा का परिणाम और विकास की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
अब सहरसा वासी इस परियोजना को लेकर आशान्वित हैं कि जल्द ही उन्हें जाम से राहत मिलेगी और शहर का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा। प्रशासन भी समय से पहले काम पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहरा रहा है। यह परियोजना सहरसा के विकास का नया अध्याय साबित हो