गोराडीह प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय बड़ी जमीन में पीएम श्री योजना के तहत छात्रों के समायोजन के विरोध में तालाबंदी शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रही। विद्यालय के मुख्य गेट पर ताला लटकता रहा और छात्र व अभिभावक तंबू लगाकर विद्यालय के बाहर डटे रहे। इस दौरान शिक्षकों को भी विद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया, जिससे पठन-पाठन पूरी तरह ठप हो गया। शिक्षक भी विद्यालय खुलने के समय उपस्थिति बनाने पहुंचे, लेकिन ताला नहीं खुलने के कारण बाहर ही खड़े रहे और छुट्टी का समय होने पर लौट गए।
अभिभावकों और छात्रों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा, तब तक विद्यालय का ताला नहीं खोला जाएगा। हालांकि, शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक कोई अधिकारी या कर्मचारी स्थिति को संभालने और ताला खुलवाने के लिए विद्यालय नहीं पहुंचे हैं। इससे छात्रों और अभिभावकों में नाराजगी और बढ़ गई है।

छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को इंटर गांधी विद्यालय मुरहन जमीन में भेजने की व्यवस्था को रद्द किया जाए और उन्हें यथावत यहीं पढ़ाई की सुविधा दी जाए। अभिभावकों का कहना है कि इंटर गांधी विद्यालय मुरहन जमीन दूर है, जिससे बच्चों को आने-जाने में परेशानी होगी और उनके पढ़ाई पर असर पड़ेगा।
गौरतलब है कि मध्य विद्यालय बड़ी जमीन का चयन पीएम श्री योजना में हुआ है। इसके तहत विद्यालय का उन्नयन किया जाना है, जिसके कारण कक्षा छह से आठ तक के छात्रों का समायोजन इंटर गांधी विद्यालय मुरहन जमीन में किया गया। इसी निर्णय का विरोध करते हुए शुक्रवार को ही अभिभावकों और छात्रों ने विद्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया और हंगामा किया।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ओजेश्वर पांडे ने बताया कि छात्रों और अभिभावकों के आक्रोश को देखते हुए विभाग के डीईओ और डीपीओ को लिखित रूप से पूरी जानकारी दे दी गई है। अब वरीय अधिकारियों के निर्देश के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, लगातार दूसरे दिन विद्यालय में पठन-पाठन बाधित होने से छात्र और उनके अभिभावक चिंतित हैं। छात्रों ने कहा कि वे पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन विद्यालय के दूर जाने से उन्हें समस्या होगी। वहीं, प्रशासन की ओर से वार्ता की पहल नहीं होने से छात्रों की पढ़ाई अनिश्चितकाल के लिए प्रभावित होती दिख रही है।
स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उचित समाधान निकालने की मांग की है ताकि विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां फिर से पटरी पर लौट सकें।
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