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इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ChatGPT जैसे टूल्स का क्रेज हर ओर देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ ये तकनीकें लोगों के काम को आसान बना रही हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ शातिर लोग इसका गलत इस्तेमाल कर समाज और सिस्टम को गुमराह करने में भी पीछे नहीं हैं। हाल ही में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक ठेकेदार ने एआई इमेज जनरेटिंग टूल्स का इस्तेमाल कर पढ़े-लिखे इंजीनियर को ही बेवकूफ बना दिया।

यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इंस्टाग्राम पर @sndconstruction.india नाम के एक अकाउंट से शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक 47 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और 45 हजार से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं। लोग इस वीडियो को देखकर हैरानी जता रहे हैं कि आखिर कैसे तकनीक का दुरुपयोग कर कोई व्यक्ति सरकारी तंत्र को चकमा दे सकता है।

सड़क
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### क्या है पूरा मामला?

वीडियो में बताया गया है कि किसी गांव में एक कच्ची सड़क को पक्की बनाने का ठेका एक ठेकेदार को मिला था। ठेके के अनुसार, ठेकेदार को CC (सीमेंट-कंक्रीट) सड़क का निर्माण करना था। लेकिन ठेकेदार ने काम शुरू ही नहीं किया। जब क्षेत्रीय इंजीनियर ने ठेकेदार से व्हाट्सएप पर काम की प्रगति के बारे में पूछा, तब ठेकेदार ने अपनी चालाकी का इस्तेमाल किया।

उसने गांव की कच्ची सड़क की एक फोटो खींची और उसे एक एआई आधारित इमेज एडिटिंग टूल (संभवत: DALL·E या किसी अन्य जनरेटिव AI टूल) में डाल दिया। वहां उसने यह कमांड दिया कि “इस फोटो में पक्की CC रोड बना दो।” कुछ ही सेकेंड में AI टूल ने कच्ची सड़क की जगह एक शानदार पक्की सड़क वाली फोटो तैयार कर दी।

ठेकेदार ने बिना कोई काम किए, बस इस बदली हुई तस्वीर को इंजीनियर को भेज दिया। इंजीनियर ने तस्वीर देखकर खुशी जाहिर की और कहा कि “काम अच्छा हुआ है, बिल भेज दो पैसा मिल जाएगा।” इस प्रकार, ठेकेदार ने बिना एक ईंट लगाए, एआई की मदद से एक सरकारी कर्मचारी को गुमराह कर दिया।

### सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़

इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं। कोई इस पर हैरानी जता रहा है तो कोई मजाक में इसे “भविष्य का ठेका सिस्टम” बता रहा है।

एक यूजर ने लिखा – *”नई रोड को टूटा हुआ बना दो, दोबारा टेंडर लेना है।”*
दूसरे यूजर ने चुटकी ली – *”10 करोड़ का टेंडर पास।”*
तीसरे ने लिखा – *”ये ठेकेदार तो फिल्मों के ठगों से भी आगे निकल गया।”*
वहीं एक अन्य यूजर ने कहा – *”अब तो AI से ही देश बनेगा और बिगड़ेगा।”*

### क्या है खतरा?

यह घटना जहां मजाकिया लग सकती है, वहीं यह देश की प्रशासनिक प्रणाली के लिए एक चेतावनी है। जिस तरह से बिना किसी वेरिफिकेशन के एक सरकारी कर्मचारी ने सिर्फ एक फोटो देखकर काम को पूरा मान लिया, यह दर्शाता है कि निगरानी व्यवस्था में कितनी बड़ी चूक हो सकती है।

यदि इस तरह की तकनीक का दुरुपयोग बढ़ा, तो ठेकेदारों और भ्रष्ट अधिकारियों के बीच मिलीभगत कर बड़े पैमाने पर सरकारी धन की चोरी की जा सकती है। यह वीडियो इस बात की जीती-जागती मिसाल है कि कैसे एआई का उपयोग करके फर्जीवाड़ा संभव है।

### प्रशासन को क्या करना चाहिए?

इस घटना से सरकार और प्रशासन को यह सीख लेनी चाहिए कि अब सिर्फ फोटो देखकर निरीक्षण करना पर्याप्त नहीं है। जमीनी स्तर पर जाकर काम की जांच जरूरी है। साथ ही अधिकारियों को एआई और डिजिटल तकनीकों की मूल बातें समझाई जानी चाहिए ताकि वे इस तरह के डिजिटल फ्रॉड को पहचान सकें।

AI इमेज जनरेशन टूल्स जैसे DALL·E, Midjourney, या Leonardo AI की मदद से आज किसी भी फोटो को मनचाहे तरीके से बदला जा सकता है। ऐसे में फोटो आधारित प्रमाण अब उतने विश्वसनीय नहीं रहे जितने पहले थे।

### निष्कर्ष

जहां एआई तकनीकें विकास और प्रगति का प्रतीक हैं, वहीं इनके गलत इस्तेमाल से बड़ा नुकसान भी संभव है। यह घटना सिर्फ एक मजाकिया वीडियो नहीं, बल्कि सिस्टम में मौजूद कमजोरियों की पोल खोलने वाली एक गंभीर चेतावनी है।

सरकार को चाहिए कि वह निरीक्षण प्रक्रिया को तकनीकी रूप से और भी मजबूत बनाए, फील्ड विज़िट्स को अनिवार्य बनाए और AI आधारित तस्वीरों की पहचान के लिए नए टूल्स और ट्रेनिंग उपलब्ध कराए।

अभी तो यह सिर्फ एक वायरल वीडियो है, लेकिन यदि समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में ऐसे कई “एआई ठेकेदार” सामने आ सकते हैं, जो बिना एक ईंट लगाए करोड़ों की कमाई कर सकते हैं।

 

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