बिहार के भागलपुर में इन दिनों गंगा नदी उफान पर है। लगातार बढ़ते जलस्तर से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। वहीं दियारा इलाके से विस्थापित हुए लोग अब सरकार की तरफ मदद की आस लगाए बैठे हैं।
कहलगांव (भागलपुर) : ‘पांच दिनों से घोर बाढ़ो के पानी में डुबलो छे। केना रहे छिये की खाय पिए छे। ई देखे ले कोय आज तक नय ऐलो छे। सरकारों के तरफों से कुछु नय मिली रहलो छे। केना रही रहलो छिऐ ई देखिए रहलो छो।’ यह बात बाढ़ प्रभावित अनठावन हरिजन टोला वार्ड-2 के वृद्ध भुवेश्वर रविदास ने कही। इसी गांव के रामेश्वर दास ने कहा कि पांच दिनों से घरों में चूल्हा नय जरी रहलो छे। घरों में पहने से जे सत्तू चूड़ा, भूंजा छेलै वहे खाय रहलो छिये। वहो खतम हो गेलो छे। चूल्हों केने जरेते जरना लकड़ी सब पानी मे भींगी गेलो छे। चूल्हों जलावे ले जगहों नय छे। केन्हों के दिन काटी रहलो छिये। मदतो करे वाला कोई नय छे। अनठावन गांव गत पांच दिनों से जलमग्न है। यही हाल तोफिल गांव का है। दोनों गांव बाढ़ से टापू बने हुए हैं।
सड़कों पर बाढ़ का पानी तीन से चार फीट बह रहा है। अभी आवागमन का सहारा नाव ही बना है। तोफिल गांव की शकुंतला देवी ने बताया कि घरों में चौकी पर बक्सा और संदूक पर बाल-बच्चा लेकर केन्हों के सुते छिंयो। गांवों से गाय, भैंस लेके चललो गेला से बच्चा के लेल्हि दुख नय मिली रहलो छे। खोजी के दूध लानल्हो पर गर्म कहां करबे ई समस्या आबि गेलो छे। मुखिया ललिता देवी, पंचायत समिति सदस्य गंगाधर मंडल, महेंद्र तांती ने अविलंब राहत शिविर खोलने की मांग की है। बोरहिया, बुद्धूचक, किसनदासपुर, गोघट्टा, कचहरिया, नयाटोला बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर चुका है। गांव में पानी प्रवेश करने लगा है।
बिरबन्ना, कुटी टोला, पकड़तल्ला, रामनगर नया कालोनी, आमापुर, चांदपुर, कटोरिया आदि बाढ़ प्रभावित हो चुके हैं। आमापुर गांव के बाढ़ पीड़ित राधेश्याम मंडल ने कहा कि राहत मिलना तो दूर अभी तक प्रशासन के कोई भी अधिकारी हालचाल लेने स्थिति देखने कोई नहीं आया है। अभी तक बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत का एक दाना भी नहीं मिला है। प्रशासन पानी घटने की बात कहकर टालमटोल कर रहा है।