
जहां स्वास्थ विभाग को लेकर बिहार सरकार तरह तरह के हथकंडे अपना रही हैं, जिससे आम लोगो तक मुलभुत सुविधा उपलब्ध हो सके, लेकिन आम आदमी अपने अधिकार और सुविधा को ढूंढने में ही रह जाते हैं, वही परिजन सदर अस्पताल बल्ड बैंक के ऑन लाइन नम्बर पर जब जानकारी लेने का प्रयास करते हैं तो 5 साल पहले रिटायर कर्मी के नंबर पर फोन लगता है उनका स्पष्ट कहना होता है हम तो भाई साहब रिटायर कर चुके ,

आप दूसरे जगह फोन कीजिए बल्ड बैंक के बहार लगे बोर्ड पर आज से 7 दिन पहले का अपडेट मौजूद है इन सब के बाद यदि मरीज ब्लड की मांग करते है तो सीधे शब्दो मे कहा जाता है की जब उपलब्ध रहेगा तभी तो दे पाएगे, तो सुविधा क्या सिर्फ कागजो पर ही मिलती है, अस्पताल प्रशासन के लापरवाही से सरकार के द्वारा दी जाने वाली सारी सुविधा सरकार पर ही सवाल खड़े करते हुए नजर आती है, ताजा मामला आज का है जहां रुपेश कुमार भगत की 8 वर्षीय पुत्री सिष्टी कुमारी जो बचपन से ही थैलिसिमीया की मरीज हैं, वो परेशानी को लेकर अगवानपुर में रह कर ही ईलाज करवाती है, समय समय पर रक्त दान भी करवाते हैं,

वही सहरसा सदर अस्पताल थैलिसिमीया बच्चो के अतिरिक्त सुविधा मे विफल है सदर अस्पताल सहरसा रक्त केंद्र पर जब मरीज के परिजन अपने मरीज के लिए रक्त लेने आते हैं तो कर्मी के अभाव मे उन्हें घंटो इंतजार करना होता है। रक्तदान कर्मी और चिकित्सा पदाधिकरी की 24 घंटे सेवा देने वाले आउट सोर्सिंग एजेंसी केवल एक पाली मे ही सेवा दे कर खानापूर्ति करते हैं

जबकि मानक के अनुसार एक पाली में एक चिकित्सा पदाधिकरी, प्रयोगशाला टेक्नीशियन , स्टाफ नर्स चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी और काउंसलर की उपस्थिति होनी चाहिए। लेकिन मानक का उलंघन कर चिकित्सा पदाधिकरी की अनुपस्थिति में ही रक्तदाता से रक्त का आदान प्रदान कर लिया जाता है । और प्रतिदिन रक्त के आदान प्रदान करने वाले रक्तदाता को रक्तकेंद्र में अल्पाहार देने का प्रावधान है ।

जिसकी राशि बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा सदर अस्पताल सहरसा रक्तदान केन्द्र को उपलब्ध करवाया जाता है ।लेकिन रक्तदाता को अल्पाहार भी उपलब्ध नही हो पाता है और न हि पीने का शुद्ध पानी । ऐसे मे सवाल तो उठना लाज़मी है यदि आपके नजर में भी कोई समस्या दिखती है तो हमारे चैनल पर दिए गए नंबर पर आप संपर्क करें हम आपकी समस्याओं को जनता और पदाधिकारी की नजर में लाएंगे शायद कुछ तो सुधार हो l