पटना । जातीय गणना में शिक्षकों को लगाने के बाद सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस समय तो कड़ाके की ठंड के कारण स्कूल बंद हैं, लेकिन खुलने के बाद भी वहां पढ़ाई हो सकेगी, इसमें संदेह है। खासकर ऐसे विद्यालयों में जहां शिक्षकों की बेहद कमी है, वहां स्कूल बंद होने की पूरी आशंका बनी हुई है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार शिक्षकों को जातीय गणना कार्य में प्रतिनियुक्त किया गया है।

हैरत की बात तो यह है कि कई जिलों में शाम चार बजे के बाद शिक्षकों को यह कार्य करने को कहा गया है। इससे शिक्षकों को दोहरी भूमिका निभानी पड़ सकती है।

यहां उन्हें दिन में पढ़ाना होगा और शाम में जातीय गणना का कार्य करना होगा। उधर, शिक्षक संगठनों ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है।

उन्होंने शाम चार बजे के बाद जातीय गणना का कार्य कराने को अमानवीय बताया है। यही नहीं, उन्होंने स्कूलों में पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए उन्हें इस कार्य से मुक्त करने का अनुरोध किया है।

शिक्षकों का आरोप राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हो रहा उल्लंघन

शिक्षकों ने इस मामले में शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर से हस्तक्षेप की मांग की है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्यों से मुक्त रखना है।

लेकिन सरकार इसका उल्लंघन कर रही है। सरकार के मूल आदेश में यह नहीं कहा गया है कि उन्हें शिक्षण कार्य के बाद गणना का कार्य करना है। लेकिन कई जिलों में अफसरों ने शाम चार बजे के बाद यह कार्य करने का आदेश जारी किया है।

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