छठ पर्व 2022 बिहार के पूर्व बिहार सीमांचल और कोसी में काफी संख्‍या लोग में लोग छठ पर्व मनाते हैं। लोकआस्‍था के चार दिवसीय इस महापर्व के दौरान घाटों पर विशेष महत्‍व है। दो दिन भगवान सूर्य अर्घ्‍य दिया जाता है। साथ ही व्रती गंगा स्‍नान करने आते हैं।

भागलपुर! जय श्री राम… जय हनुमान… जय छठ मइया… जय सूर्य भगवान। सभी आम आवाम जनों को परिस्‍थति की सूचना हम इस माध्‍यम से दे रहे हैं, ताकि यह सूचना बिहार के सभी पदाधिकारियों को मिले। बिहार के प्रत्‍येक जिलों में छठ पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है। सबको मालूम है कि छठ पर्व चल रहा है। इस दौरान सभी लोग बड़ी आस्‍था व निष्‍ठा रखते हैं। यह कितना प्रसिद्ध पर्व है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है।

उक्‍त बातें श्रीश‍िवशक्ति‍ योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्‍वर संत शिरोमणी परमहंस स्‍वामी आगमानंद जी महराज ने अपने फेसबुक पर लाइव होकर कही। उन्‍होंने आगे कहा कि दूर-दूर से माताएं, बहनें, भाई लोग गंगा स्‍नान करने के लिए आते हैं। चार दिवसीय पर्व के अंतिम दो दिन तो गंगा, चंपा, चांदन, कोसी, बढ़ी गंडक सहित विभिन्‍न नदियों व तालाबों में लाखों लोग पर भगवान सूर्य को अर्घ्‍य देने पहुंचते हैं। छठ पर्व के पहले दिन नहाय खाय और कद्दू भात व दूसरे दिन खरना के दिन काफी संख्‍या में लोग गंगा सहित व‍िभ‍िन्‍न नदियों में स्‍नान करने पहुंचते हैं। इस पर्व के दो-तीन दिन पहले से ही गंगा स्‍नान करने का सिलस‍िला शु हो जाता है। छठ पूजा के लिए गंगा जल भर कर लोग घर ले जाते हैं और उसी जल से छठ का सारा काम करते हैं।

स्‍वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि यह जानकारी प्रशासन तंत्र सहित जनप्रतिनिधियों को भी है। इसके बावजूद यहां छठ घाटों की बेहतर व्‍यवस्‍था नहीं की गई है। घाट जाने वाले मार्गों की स्थिति काफी खराब है। जगह-जगह गंदगी है। छठ घाट खतरनाक हैं। सड़कों की सफाई नहीं हुई है। सबसे खराब स्थिति यहां की गंगा घाटों की है, जिसकी सफाई भी बढि़या से नहीं हुई है। नालों का पानी गंगा में प्रवाहित हो रहा है।

स्‍वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी को सूझ-बूझ की कमी है। जब इतने सारे लोग एक साथ घाट पर आ रहे हैं, उसी दौरान ट्रकों का भी परिचालन हो रहा है, जिससे लगातार हादसे हो रहे हैं। दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। प्रशासन का चाहिए कि छठ पर्व के दौरान ट्रकों का परिचालन बंद किया जाए। गंगा स्‍नान करने के समय तो ट्रकों का परिचालन बिल्‍कुल बंद होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हमारे उच्‍चाधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि छठ पर्व के दौरान ट्रकों का परिचालन बंद हो। ट्रक के परिचालन के कारण छोटी-छोटी गाडि़या भी जाम में फंस जाती है। हमेशा जाम लगा रहा है। विक्रमशिला पुल होकर गुजरना मुश्किल हो जाता है। व्रति‍यों को काफी कष्‍ट होता है।  उन्‍होंने प्रशासन से अपील की है कि छठ घाट को बेहतर बनाएं और छठ पर्व के दौरान ट्रकों का परिचालन बंद करें।

मार्गों में रोड़े ही रोड़े, पांव में चुभेंगे कंकड़

भागलपुर शहर के मुख्य मार्गों से लेकर इसके ल‍िंक रोड में रोड़े ही रोड़े है। कंकड़ वाली इन मार्गों पर चलने वाले छठ व्रतियों के पांव में कंकड़ चुभेगा। इन सड़कों से दंड देते हुए घर से घाट तक पहुंचने में छठ व्रतियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जलापूर्ति पाइप बिछाने के लिए बरारी रोड, कचहरी चौक से बबरगंज सहित शहर के कई मुख्य सड़कों और इसके लिंक रोड खोदी गई। पाइप बिछाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन, इन सड़कों को दुरुस्त नहीं किया जा सका है। बरारी में हाई स्कूल मोड़ से विक्रमशिला सेतु के बीच सवा महीने पहले सड़क बनाने का काम शुरू किया गया। लेकिन अबतक महज 25 मीटर सड़क ही बन पाई है। गिट्टियां बिछा कर सड़क का निर्माण बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से वाहनों के गुजरने पर गिट्टियां छीलकती है। इस में वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है

दंड देते हुए घर से घाट तक पहुंचने में छठ व्रतियों को होगी परेशानी

कचहरी चौक और बबरगंज के बीच जलापूर्ति पाइप बिछाने का काम ढाई महीने पहले ही पूरा हो चुका है। बावजूद इसके सड़क की मरम्मत नहीं कराई गई। सड़क पूरी तरह जर्जर है। इस मार्ग से प्रतिदिन बड़ी-छोटी 25 हजार से अधिक गाडिय़ां चलती है। वाहनों के गुजरने पर पत्थर छिलकता है। संतुलन बिगडऩे से अक्सर खासकर दोपहिया दुर्घनाग्रस्त होती है। पैदल चलने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यातायात प्रभावित हो रही है। ऐसे मार्गों से विभिन्न गंगा घाटों पर छठ व्रतियों को जाना पड़ेगा। सड़क का निर्माण पथ निर्माण विभाग को करना है। विभागीय अधिकारी का कहना है कि जल्द ही सड़क निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

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