राज्य सरकार ने आम जनता को राहत देते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में सस्ती बिजली देने के लिए 15,995 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस अनुदान प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में 652 करोड़ रुपये अधिक है। 2024-25 में सरकार ने 15,343 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था। इस निर्णय से राज्य के 2.13 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले घरेलू और बीपीएल श्रेणी (कुटीर ज्योति) के उपभोक्ताओं के लिए यह घोषणा खास राहत लेकर आई है। अब 50 यूनिट से अधिक खपत करने वालों को 40 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी। वहीं, जिन उपभोक्ताओं ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवा रखे हैं, उन्हें 25 पैसे प्रति यूनिट की अतिरिक्त छूट मिलेगी। पहले ऐसे उपभोक्ताओं को केवल 3% की छूट मिलती थी, लेकिन अब उन्हें 65 पैसे प्रति यूनिट तक राहत मिलेगी।
बिजली दरों की गणना बिहार विद्युत विनियामक आयोग द्वारा अनुदानरहित आधार पर की जाती है, उसके बाद राज्य सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अनुदान की घोषणा करती है। वर्ष 2017-18 से यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है। सरकार का यह कदम राज्य के विकास को ऊर्जा के माध्यम से गति देने का प्रयास है।
विभिन्न श्रेणियों में अनुदान राशि का वितरण भी तय किया गया है। घरेलू उपभोक्ताओं को 8130 करोड़ रुपये, गैर-घरेलू उपभोक्ताओं को 1349 करोड़ रुपये, कृषि एवं सिंचाई सेवाओं के लिए 5055 करोड़ रुपये, छोटे उद्योगों को 223 करोड़ रुपये और बड़े उद्योगों को 105 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इस प्रकार राज्य के प्रत्येक वर्ग को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में 0 से 50 यूनिट तक की खपत पर दर 2.45 रुपये प्रति यूनिट पूर्ववत ही बनी रहेगी। उत्पादन, संचरण एवं वितरण की बढ़ती लागत के बावजूद राज्य सरकार यह प्रयास कर रही है कि हर घर तक किफायती और लगातार बिजली पहुंचे। ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार का लक्ष्य बिहार में बिजली की सुलभता और affordability को सुनिश्चित करना है, ताकि राज्य के समग्र विकास को मजबूती मिले।
यह निर्णय ग्रामीण एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ऊर्जा सुरक्षा देने के साथ-साथ कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित करेगा।