चेन्नई के सरकारी गेस्ट हाउस में शनिवार, 24 मई को राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों की स्थायी समिति की दो दिवसीय बैठक का शुभारंभ हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष अजय कुमार ने की। इस बैठक में हरियाणा, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, नागालैंड, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों ने भाग लिया।
बैठक का उद्देश्य सरकारी सेवा परीक्षाओं को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित बनाना है। पहले दिन की बैठक में चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने, राज्यों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, चयन प्रक्रिया में नवीनतम तकनीकों के उपयोग और चयन संबंधी मामलों के बेहतर प्रबंधन जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
यूपीएससी अध्यक्ष अजय कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यूपीएससी देश भर में आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में केंद्रीय भूमिका निभाता है, लेकिन राज्य स्तर की परीक्षाएं भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “हम लगातार यह सलाह देते रहे हैं कि इन परीक्षाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाए। आने वाले समय में हम यूपीएससी की परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन के समय आधार को अनिवार्य बनाने की दिशा में कदम उठाने जा रहे हैं।”
अजय कुमार ने बताया कि यह दो दिवसीय बैठक सरकारी सेवा परीक्षाओं से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी विकास और डिजिटलीकरण से परीक्षा प्रक्रियाओं में विश्वसनीयता और गति दोनों को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने राज्यों से अपेक्षा की कि वे अपनी प्रक्रियाओं को समय के साथ अपडेट करें और एक-दूसरे से सीखकर सुधार करें।
तमिलनाडु लोक सेवा आयोग (टीएनपीएससी) के अध्यक्ष एस के प्रभाकर ने बताया कि इस बैठक के माध्यम से परीक्षा आयोजित करने के तरीकों, उनमें आने वाली कठिनाइयों, सुधार की संभावनाओं और पारदर्शिता बढ़ाने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम ओएमआर शीट की गुणवत्ता को बेहतर बनाने, उसमें आने वाली तकनीकी समस्याओं को दूर करने, सुरक्षा सुविधाएं बढ़ाने और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में सुधार लाने के लिए कई योजनाएं लेकर आए हैं।”
प्रभाकर ने यह भी बताया कि बैठक में उन समस्याओं पर भी चर्चा होगी जिनका सामना तमिलनाडु के छात्रों को अन्य राज्यों में परीक्षा देते समय करना पड़ता है। उन्होंने जोर दिया कि परीक्षा प्रणाली को उम्मीदवारों के लिए अधिक सुगम और सुरक्षित बनाना आवश्यक है, जिससे देश भर में एकसमान मानक सुनिश्चित हो सकें।
यह बैठक विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच है, जो भविष्य में सरकारी सेवा परीक्षाओं को और अधिक पारदर्शी, कुशल और जनोन्मुखी बनाने में सहायक सिद्ध होगा।