पटना। राज्य सरकार किसानों को सशक्त बनाने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के अंतर्गत किसानों को कृषि कार्यों के लिए बिजली कनेक्शन देने की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। शनिवार को ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने विद्युत भवन, पटना में समीक्षा बैठक की, जिसमें योजना की प्रगति की समीक्षा की गई और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई।
बैठक में दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) और उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) के अधीक्षण और कार्यपालक अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे किसानों तक इस योजना की जानकारी पहुँचाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाएं। ऊर्जा सचिव ने कहा कि पंचायत स्तर पर विशेष कैंप लगाकर किसानों को कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन करने के लिए प्रेरित किया जाए।
उन्होंने निर्देशित किया कि ये कैंप पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों या अन्य उपयुक्त स्थलों पर लगाए जाएं, जहां किसान आसानी से पहुँच सकें। इन कैंपों में किसानों को योजना की संपूर्ण जानकारी दी जाएगी, साथ ही आवेदन प्रक्रिया में उनकी मदद भी की जाएगी। इसके लिए बिजली विभाग के कर्मियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी सहायता ली जाएगी ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित हो सकें।
बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य सरकार किसानों को सस्ती और नियमित बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कृषि विद्युत कनेक्शन मिलने से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिल सकेगी, जिससे उनकी उपज में वृद्धि होगी और आय भी बढ़ेगी। यह योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी जो अभी भी डीजल पंप या अन्य पारंपरिक साधनों से सिंचाई कर रहे हैं।
ऊर्जा सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि किसानों से आवेदन प्राप्त करने के बाद विद्युत कनेक्शन की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए ताकि उन्हें समय पर बिजली उपलब्ध कराई जा सके। साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें पारदर्शी एवं सुगम प्रक्रिया के माध्यम से सेवा मिले।
इस अवसर पर विद्युत विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में योजना की अब तक की प्रगति, समस्याओं और समाधान के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई।
सरकार का यह प्रयास न केवल किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि राज्य में कृषि विकास को भी नई दिशा देगा। विशेष कैंपों के आयोजन से किसानों तक योजना की पहुंच बढ़ेगी और उन्हें इसका सीधा लाभ मिल सकेगा।