हर वर्ष सिर्फ बिहार में करीब 5000मौत सांप काटने से होता है।बरसात में सांप काटने की घटना बहुत बढ़ जाती है और लोगों की मौत हो जाती है सर्प दंश की मुख्य वजह झड़फूंक के चक्कर में पड़ कर आधुनिक इलाज नहीं कराना है।

इसी बात को ग्रामीण क्षेत्र के किसान मजदूर और अन्य आम नागरिकों को समझने के उद्देश्य से जीवन जागृति सोसायटी ने सर्प दंश जागरूकता एवं बचाव रथ निकला जिसको संयुक्त रूप से हरी झंडी भागलपुर के सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक प्रसाद, आई सी आई सी आई के प्रांतीय निदेशक आशीष सिंहा,ब्रांच मैनेजर अमृतांशु तिवारी एवं संस्था के अध्यक्ष डॉ अजय सिंह ने हरि झंडी दिखाकर विदा किया। सिविल सर्जन अशोक प्रसाद ने कहा कि अभी बरसात में सर्प दंश की घटना ज्यादा होती है और इस समय सर्प दंश जागरूकता अभियान निकलकर लोगों को झाड़फूंक से परहेज कर आधुनिक ईलाज के लिए प्रेरित करना प्रशंसनीय है। वहीं आशीष सिंहा ने कहा होगा जागरूक इंसान , तभी बनेगा भारत महान, और किसान और मजदूर का जान बचाने इस मुहिम में जुड़ कर हमें अच्छा लगा। डॉ अजय सिंह ने कहा कि अमूमन मात्र 15 प्रतिशत सांप ही विषैले होते हैं और उसमें से भी आधे ड्राई बाइट होता है यानी काटने के बावजूद जहर शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाता है । यानि 93 से 94 प्रतिशत सर्प दंश में विष नहीं लगता है ऐसे ही मामले को झाड़ फूंक करने वाले लोग अपनी वाहवाही करा लेते हैं, और लोग उनके भ्रम जाल में फंस कर उनके पास इलाज कराने चले जाते हैं। और ऐसे विषैले सांप काट लिए तो फिर लोगो की मौत हो जाती है, अस्पताल ले भी जाए तो देर चुकी होती। जीवन जागृति सोसायटी के अध्यक्ष शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार सिंह ने लोगों को इन झाड़ फूंक वाले गैर जिम्मेदार लोगों से दूर रहने का आह्वाहन करते हैं और लोगों से अपील करते हैं कि आप शर्पदंश के तुरंत बाद अस्पताल जाएं और अमूमन 24घंटे में चिकित्सक आपको घर जाने की सलाह दे देंगे यदि विष का कोई लक्षण नहीं दिखाई देगा। सर्प दंश के उपरांत जो कस कर रस्सी से बांधते थे उसका कोई खास फायदा नहीं है, क्योंकि एक बार विष रक्त में चला गया तो वह सभी महत्वपूर्ण ऑर्गन जैसे मस्तिष्क, ब्रेन किडनी में जाना ही है। एक तो पैर सड़ने की संभावना होती है, दूसरा विष को रोक दिए यह अहसास देर से अस्पताल का कारण होता है और जब उसे खोला जाता है तो विष जल्दी से जीवन दाई अंग में पहुंच कर सांस रोक देता है या हृदय गति रुक जाती है।

अतः सांप काटे तो स्प्लिंट बांध दें, चलने नहीं दे, किसी भी गाड़ी से तुरंत नजदीकी खासकर रेफरल अस्पताल ले जाएं जहां एंटी स्नेक वेनम से इलाज होगा और मरीज बचेगा
इस बीच डॉ अजय सिंह ने तत्काल चादर और लाठी, बांस से स्ट्रेचर बनाने की विधि भी बताई
आज का दौरा का नेतृत्व खुद डॉ अजय सिंह ने किया और
भवानीपुर पंचायत,बनिया, बैसी, भवानीपुर चौक, मुरली,सहौरा, मदरौनी वार्ड नं 3, मदरौनी चौक, शांति विहार, रंगरा चौक,सधुआ,रंगरा, डुमरिया,तिरासी, गांव में लोगों को जागरूक किया
आज के मुहिम में सौरव सिंह , मनोरथ सिंह,संतोष गुप्ता, दिवाकर सिंह धर्मेंद्र, चंदन मृत्युंजय अखिलेश ने साथ दिया
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