सुपौल में बाढ़ ने भयानक रूप धारण कर लिया है. कोसी नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण कई इलाकों में पानी घुस चुका है. तेलवा पंचायत में 57 घर बाढ़ के पानी में विलीन हो गए हैं. इधर, नेपाल में सप्तकोशी नदी का बांध टूटने की खबर से आम जनता आतंकित हैं.

सुपौल: नेपाल की तराई और कोसी नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हुई लगातार बारिश की वजह से कोसी नदी उफान पर है. इस बीच नेपाल में सप्तकोशी नदी का बांध टूटने की जानकारी मिल रही है. ऐसे में अररिया और सुपौल जिला बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं. जहां बाढ़ पहले से भंयकर रूप धारण कर चुका है. बुधवार को कोसी नदी का डिस्चार्ज इस वर्ष के सबसे अधिक स्तर पर पहुंच गया

तटबंध पर बसे गांव में बाढ़: वीरपुर स्थित कोसी बराज पर दोपहर 3 बजे नदी का कुल डिस्चार्ज 2 लाख 32 हजार 190 क्यूसेक दर्ज किया गया. जो इस वर्ष मानसून के मौसम में नदी का सर्वाधिक डिस्चार्ज है. कोसी नदी के उफनाने से तटबंध के भीतर बसे गांव में बाढ़ के जैसे हालत उत्पन्न हो गए हैं. जिससे बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बढ गई है. दर्जनों गांव में नदी के पानी घुसने से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. यहां भोजन, पानी, शौचालय और पशुचारे के लिए भी लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

तेलवा पंचायत में 57 घर विलीन: जिन लोगों के घर आंगन में नदी का पानी प्रवेश कर गया है. वे उंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं. सदर प्रखंड के बलवा, पिपराखुर्द, घूरन, बसबिट्टी, गोपालपुरसिरे, तेलवा आदि पंचायत के कई गांव में नदी का कटाव भी तेज हो गया है. जिस कारण लोग विस्थापित हो रहे हैं. विगत चार दिनों से लागातार कोसी नदी के जल स्तर में वृद्धि हो रही है. नदी की तेज धारा देखते ही देखते तटबंध के भीतर बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों के घरों को अपने आगोश में लेने लगा है.

जिस कारण बाढ़ पीड़ितों में अफरा तफरी का माहौल व्याप्त हो गया है. लोग अपने-अपने घरों को तोड़ कर सुरक्षित स्थान पर ले जाने लगे हैं. सदर प्रखंड अंतर्गत तेलवा पंचायत के वार्ड नंबर तीन, चार एवं पांच में काफी मात्रा में बाढ का पानी फैल गया. जहां सैकड़ों एकड़ में लगी फसल डूब गयी. वहीं वार्ड नंबर पांच के 57 परिवार के घर नदी में विलीन हो गये. वार्ड नंबर पांच की वार्ड सदस्या रंजन देवी ने बताया कि उनके वार्ड के 57 परिवार का घर नदी में विलीन हो गया है. जिसकी सूची अंचल को सौंप दी गई है.

“वे लोग प्रभावित इलाके का भ्रमण करते रहते हैं. कहीं से नदी में घर विलीन होने की सूचना नहीं है. वहीं किसी पंचायत से इसकी सूची नहीं समर्पित की गई है. अंचल प्रशासन अलर्ट मोड पर है” -प्रिंस राज, सदर अंचल पदाधिकारी

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