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सहरसा जिले में हवाई संपर्क स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ के तहत सहरसा में हवाई अड्डे के विकास की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसी क्रम में शनिवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की एक छह सदस्यीय तकनीकी टीम ने सहरसा हवाई पट्टी का निरीक्षण किया।
निरीक्षण टीम में प्लानिंग, ऑपरेशन, आर्किटेक्चर और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) विभागों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन अधिकारियों ने रनवे की वर्तमान स्थिति, बाउंड्री वॉल की मजबूती, जमीन की उपलब्धता और उड़ान मार्ग में आने वाली संभावित बाधाओं का गहन अध्ययन किया। वर्तमान में सहरसा हवाई पट्टी की रनवे की लंबाई 854 मीटर है, जिसे बढ़ाकर 1300 मीटर तक किए जाने का प्रस्ताव है। यह विस्तार पूरी तरह भूमि की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
निरीक्षण के दौरान टीम को यह जानकारी भी मिली कि सहरसा कोर्ट की बहुमंजिला इमारत प्रस्तावित उड़ान मार्ग में अवरोध उत्पन्न कर सकती है। इस संभावित बाधा को लेकर विशेष सर्वे टीम को बुलाकर विस्तृत अध्ययन कराने की योजना बनाई गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उड़ान मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित और बाधा रहित हो।
AAI के DGM (सिविल) एसएन ठाकुर ने बताया कि टीम का मुख्य उद्देश्य प्रस्तावित उड़ानों के संचालन के लिए जरूरी आधारभूत ढांचे की जांच और सुधार की संभावनाओं को तलाशना था। उन्होंने यह भी बताया कि टीम 15 दिनों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर AAI मुख्यालय को सौंपेगी। इस रिपोर्ट में आवश्यक संसाधनों, तकनीकी सुधारों और संचालन में आ रही बाधाओं का विस्तार से उल्लेख होगा।
सहरसा के अपर जिला पदाधिकारी (एडीएम) निशांत कुमार ने जानकारी दी कि उड़ान योजना के अंतर्गत देशभर में करीब 400 हवाई अड्डों के विकास का कार्य किया जा रहा है, जिसमें सहरसा को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण होने से न सिर्फ सहरसा के लोगों को बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी, बल्कि इससे व्यापार, पर्यटन और निवेश की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
हवाई अड्डे के विकास से न सिर्फ जिले का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, बल्कि इसके माध्यम से आसपास के इलाकों को भी लाभ पहुंचेगा। इससे मेडिकल इमरजेंसी, व्यापारिक यात्रा और पर्यटन के क्षेत्र में विशेष सहूलियत मिलेगी। स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही सहरसा से उड़ान सेवाएं शुरू होकर इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएंगी।
इस परियोजना के पूरा होते ही सहरसा, कोसी क्षेत्र का पहला हवाई संपर्क वाला जिला बन जाएगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी। हवाई अड्डा विकास की दिशा में यह निरीक्षण एक बड़ा और सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
