भागलपुर जिला इन दिनों गंगा और कोसी नदियों के बढ़ते जलस्तर से एक बार फिर चिंतित हो उठा है। बीते दो-तीन दिनों में इन दोनों प्रमुख नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की धड़कनें तेज हो गई हैं। लोग बाढ़ और तटबंध कटाव की आशंका से सशंकित हैं। खास तौर पर वे गांव जो पहले से ही नदी के करीब हैं, वहां दहशत का माहौल देखा जा रहा है।
अधूरा है कटाव निरोधी कार्य
जल संसाधन विभाग की ओर से विभिन्न स्थानों पर कटाव रोकने के लिए शुरू किए गए कार्य अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। जिससे ग्रामीणों में यह भय गहराता जा रहा है कि यदि जलस्तर में इसी तरह वृद्धि होती रही तो अधूरे कार्य से कोई राहत नहीं मिल पाएगी। इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर स्पर संख्या सात और आठ के बीच 142 मीटर का भाग पहले ही ध्वस्त हो चुका है, जिसे दुरुस्त करने का कार्य जारी है।
मुख्य अभियंता ई. अनवर जमील ने हाल ही में भागलपुर जिले के विभिन्न कटाव निरोधी स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इस्माईलपुर-बिंद टोली के ध्वस्त हिस्से में कट प्वाइंट पर एप्रेन क्षेत्र में छह लेयर में बोल्डर क्रेटिंग कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वहीं तीन मीटर के स्लोप पर अब भी बोल्डर क्रेटिंग का कार्य करवाया जा रहा है।
निर्माण कार्य में हो रही देरी पर जताई नाराज़गी
निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता ने स्पर संख्या आठ पर चल रहे बोल्डर क्रेटिंग कार्य को लेकर नाराज़गी जताई। उन्होंने कार्यस्थल पर मौजूद त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंधक को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि हर हाल में 30 जून तक कार्य पूरा कर लिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कार्य तो 15 जून तक समाप्त होना था, लेकिन अब तक अधूरा है, जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। इसके लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाकर तेजी से काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
प्रबंधक की ओर से बताया गया कि कार्य में देरी का मुख्य कारण लगातार हो रही वर्षा है, जिससे कार्य बाधित हुआ है। भारी बारिश के चलते निर्माण सामग्री की ढुलाई और स्थल पर कार्य करने में दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि, मुख्य अभियंता ने इसे कारण मानने से इनकार करते हुए समय से कार्य पूरा करने की आवश्यकता दोहराई।
अन्य स्थानों का भी हुआ निरीक्षण
मुख्य अभियंता ने स्पर संख्या नी पर कराए जा रहे कार्यों का भी निरीक्षण किया और तकनीकी रूप से कार्य की गुणवत्ता की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय नवगछिया के कार्यपालक अभियंता ई. गौतम कुमार और सहायक अभियंता ई. अमितेश कुमार भी उपस्थित थे। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि आगामी बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए।
ग्रामीणों की चिंता और प्रशासन की चुनौती
तटवर्ती गांवों के लोगों में जलस्तर वृद्धि को लेकर दहशत का माहौल है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पिछले वर्ष भी कटाव ने कई घरों को नदी में समा दिया था, और यदि समय रहते कटाव निरोधी कार्य पूरे नहीं हुए तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
प्रशासन के लिए यह समय चुनौती भरा है, क्योंकि एक ओर जहां मानसून सक्रिय हो रहा है, वहीं दूसरी ओर तटबंधों की मजबूती को लेकर की जा रही लापरवाही लोगों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है।
निष्कर्ष
गंगा और कोसी नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि ने जहां तटवर्ती लोगों की चिंता बढ़ा दी है, वहीं अधूरे कटाव निरोधी कार्यों ने इस चिंता को और गहरा कर दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभाग समय रहते सभी कार्यों को पूरा कर पाता है या नहीं, ताकि संभावित बाढ़ और कटाव से जन-धन की क्षति को रोका जा सके।
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