भारत के ऋषियों का सम्मान करने के लिए ऋषि पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. ऋषि पंचमी का व्रत हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को रखा जाता है. ऋषि पंचमी का पर्व मुख्य रूप से सप्तर्षि के रूप में सम्मानित सात महान ऋषियों को समर्पित है. ऋषि पंचमी को गुरु पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. सनातन धर्म में ऋषि पंचमी का विशेष महत्व है. इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि ऋषि पंचमी के दिन जो भी व्यक्ति ऋषियों की पूजा-अर्चना और स्मरण करता है उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है.

ऋषि पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त : 1 सितंबर को प्रातः कल 04:29 बजे से 05:14 बजे तक

रवि योग : 1 सितंबर को प्रातः काल 05:58 बजे से 12:12 बजे तक

अभिजित मुहूर्त : 1 सितंबर को 11:55 AM से 12:46 PM तक

विजय मुहूर्त : 1 सितंबर दोपहर बाद 02:28 बजे से 03:19 बजे तक

ऋषि पंचमी व्रत 2022 शुभ तिथि

पंचमी तिथि प्रारंभ : 31 अगस्त 2022 को 03:22 PM बजे

पंचमी तिथि समाप्त : 01 सितंबर 2022 को 02:49 PM बजे

ऋषि पंचमी 2022 पूजा मुहूर्त: 1 सितंबर 2022 सुबह 11: 05 AM मिनट से लेकर 01: 37 मिनट PM तक.

ऋषि पंचमी की पूजा अवधि : 02 घण्टे 33 मिनट 

ऋषि पंचमी व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि महिलाएं ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋर्षियों का आशीर्वाद प्राप्त करने और सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की पूर्ति के लिए यह व्रत रखती हैं. ऐसा माना जाता है कि ऋषि पंचमी का व्रत करने से अगर किसी महिला से रजस्वला (महामारी) के दौरान अगर कोई भूल हो जाती है, तो इस व्रत को करने उस भूल के दोष को समाप्त किया जा सकता है.

ऋषि पंचमी 2022 व्रत पूजा मंत्र

‘कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः।

जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥

दहन्तु पापं सर्व गृह्नन्त्वर्ध्यं नमो नमः’॥

यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि अपना बिहार झारखंड किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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