राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या अपने नए रिकार्ड स्थापित कर रही है। शनिवार को पटना में अब तक के सबसे अधिक 307 नए मामले आए। इसमें इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में 44, पीएमसीएच में 53 एवं एनएमसीएच में 68 रिकार्ड मामले सामने आए। इसके साथ ही जिले में डेंगू रोगियों की संख्या बढ़कर 1844 हो गई है। पीएमसीएच में 15, आइजीआइएमएस में 18 रोगी भर्ती है। जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि अधिकतर मरीज सामान्य डेंगू के हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिसीन विभागाध्यक्ष डा. रवि कीर्ति ने बताया कि दिन में भी मच्छर से बचाव करें।
डेंगू पर एंटीबायोटिक असरकारक नहीं
बच्चों को पूरी बांह व पैर तक का कपड़ा पहनाएं। आसपास जल जमाव नहीं होने दें। यदि डेंगू हो जाए तो डाक्टर के संपर्क में रहें। अपने आप कोई भी दवा नहीं लें। डाक्टर की सलाह से ही पेरासिटामोल के अतिरिक्त दर्द निवारक दवाएं लें। डेंगू एक वायरस है। इस पर एंटीबायोटिक असरकारक नहीं है। इसकी कोई दवा नहीं है। यह निश्चित अवधि में ठीक होता है। ज्यादा परेशानी होने पर भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। इसमें पर्याप्त तरल का सेवन करें। पानी, दूध, सिकंजी, नारियल पानी, जूस आदि का सेवन करते रहे।
एनएमसीएच में डेंगू के 68 नये मरीज मिले, 25 भर्ती
नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल के माइक्रोबायोलाजी प्रयोगशाला में शनिवार को 127 नमूनों की हुई डेंगू जांच में 68 की रिपोर्ट पोजीटिव पायी गयी। यह जानकारी प्राचार्य डा. हीरा लाल महतो ने दी। वहीं, औषधि विभाग के अध्यक्ष डा. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि वार्ड में डेंगू के भर्ती 25 मरीजों का इलाज जारी है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 30 बेड की व्यवस्था की गयी है। सभी बेड के लिए मच्छरदानी और मरीजों के लिए आवश्यकता दवाइयां अस्पताल में उपलब्ध हैं। इधर, ब्लड बैंक के प्रभारी डा. अपूर्व रंजन ने बताया कि एनएमसीएच में प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं है। सभी रक्त ग्रुप का प्लेटलेट्स उपलब्ध है। डेंगू के प्रकोप को देखते हुए चौबीस घंटे प्लेटलेट्स तैयार करने का काम जारी है।