अब बिहार में रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है। वैशाली जिले के इस्माइलपुर में 12 एकड़ में वाल्मीकि रामायण को केंद्र में रख सभी भाषाओं में रचित रामायण के पाठ्यक्रम और शोध ज्योतिष, कर्मकांड, योग, आयुर्वेद और प्रवचन की भी शिक्षा विश्वविद्यालय में दी जाएगी। महावीर मंदिर का रामायण विश्वविद्यालय सभी तरह की रामायण के अध्ययन का मुख्य केंद्र होगा।
यह विश्व का अपने तरह का इकलौता विश्वविद्यालय होगा, जहां वाल्मीकि रामायण को केंद्र में रखकर गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस और भारतीय भाषाओं एवं दक्षिण पूर्व एशिया में प्रचलित सभी तरह के रामायण पर वृहद अध्ययन और शोध कार्य होंगे। महावीर मंदिर ने बिहार निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2013 के तहत रामायण विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को दिया है।
इस्माइलपुर में 12 एकड़ जमीन की गई है चिह्नित
मंगलवार को महावीर मंदिर की ओर से शिक्षा विभाग को प्रस्ताव के साथ दस लाख रुपए का डिमांड ड्राफ्ट भी दिया गया। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि वैशाली जिले के इस्माइलपुर में महावीर मंदिर की लगभग 12 एकड़ जमीन रामायण विश्वविद्यालय के लिए चिह्नित की गई है।
जमीन पर विश्वविद्यालय का मुख्य भवन, शैक्षणिक भवन समेत सभी आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक राशि का प्रबंध महावीर मंदिर की ओर से किया जाएगा। प्रस्तावित रामायण विश्वविद्यालय में संस्कृत व्याकरण की पढ़ाई विशेष रूप से होगी। महर्षि पाणिनी रचित अष्टाध्यायी, पतंजलि रचित महाभाष्य और काशिका, ये तीन ग्रंथ संस्कृत व्याकरण की पढ़ाई के मुख्य आधार होंगे।
रामायण और संस्कृत व्याकरण मुख्य विषय होंगे
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि रामायण और संस्कृत व्याकरण रामायण विश्वविद्यालय में अध्ययन-अध्यापन के मुख्य विषय होंगे। रामायण विश्वविद्यालय में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री दी जाएगी। डिग्री कोर्स में स्नातक स्तर पर शास्त्री, स्नातकोत्तर के लिए आचार्य, पीएचडी के तौर पर विद्या-वारिधि और डि-लीट की उपाधि के तौर पर विद्या-वाचस्पति उपाधियां दी जाएंगी।
रामायण शिरोमणि नाम से एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होगा। जबकि छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले रामायण पंडित कहे जाएंगे। महावीर मंदिर के प्रस्तावित रामायण विश्वविद्यालय में एक समृद्ध पुस्तकालय होगा। वहां सभी तरह की ज्ञान सामग्रियां उपलब्ध रहेंगी। रामायण, गीता, महाभारत, वेद, पुराण आदि पर शोध कार्य होंगे।
उन्होंने बताया कि रामायण विश्वविद्यालय में आर्थिक स्वावलंबन को ध्यान में रखते हुए पांच प्रमुख विषय पढ़ाए जाएंगे। ये हैं- ज्योतिष, कर्मकांड, आयुर्वेद, योग और प्रवचन। इन विषयों में विभिन्न स्तर की पढ़ाई कर छात्र आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो सकेंगे।
