विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर गुरुवार को शहर के विभिन्न अस्पतालों में विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये। कहीं पर नेत्र रोगों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए रैली निकाली गयी तो कहीं मरीजों को नेत्र रोगों के प्रति जागरूक किया गया।

नेत्र रोगों में कॉमन बीमारी है आंखों पर चश्मा लगना

मायागंज अस्पताल के नेत्र रोग के ओपीडी में गुरुवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमाशंकर सिंह ने कहा कि विश्व दृष्टि दिवस हरेक साल अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। इसका मकसद है कि लोगों में आंखों की बीमारी के प्रति जागरूकता आए। उन्होंने बताया कि आज के दौर में नेत्र रोगों में सबसे कॉमन बीमारी है आंखों पर चश्मा लगना। टीवी, कंप्यूटर से लेकर मोबाइल पर बच्चे, युवा, बुजुर्ग घंटों अपना वक्त गुजार रहे हैं। लगातार इस्तेमाल से आंख का पानी सूखता है। ऐसे में अपने-अपने बच्चों की आंख हरेक साल जांच कराते रहना चाहिए। नेत्र रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. पम्मी राय ने कहा कि अगर देखते वक्त नजारा कम दिखे या फिर आंखों व सिर में दर्द हो तो ये लक्षण आपके आंख के प्रेशर के बढ़ने की ओर इशारा करते हैं। मोतियाबिंद या फिर अन्य नेत्र संबंधी बीमारी होने पर तत्काल नेत्र रोग चिकित्सक से संपर्क करें। अगर आपके घर में आठ से साढ़े आठ माह में बच्चा पैदा होता है और उसे ऑक्सीजन पर रखना पड़ता है। तो ऐसे में नवजात को इलाज के बाद शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ-साथ नेत्र रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं। क्योंकि ऐसे बच्चों के आंखों की रोशनी कम होने का खतरा रहता है और कई बार तो लेजर थेरेपी से उसके आंखों का इलाज करना पड़ता है। इस मौके पर ओपीडी में आए मरीजों के सवालों का जवाब वहां मौजूद डॉ. उमाशंकर सिंह, डॉ. पम्मी राय ने दिया।

सदर अस्पताल से निकाली गयी जागरूकता रैली

विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर सोमवार को सदर अस्पताल से जागरूकता रैली निकाली गयी। जिला स्वास्थ्य समिति व लेप्रा द्वारा आयोजित इस रैली को सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली अस्पताल परिसर से शुरू होकर घंटाघर चौक, भगत सिंह चौक होते हुए वापस होकर पुन: अस्पताल परिसर में आकर समाप्त हो गयी। रैली को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि इस साल विश्व दृ़ष्टि दिवस का थीम है ‘अपनी आंखों को स्वस्थ रखें। उन्होंने कहा कि विश्व में करीब दस करोड़ लोग मायोपिया या हाइपरमेट्रोपिया की बीमारी से ग्रसित हैं। अगर आपके बच्चे की आंख में दर्द, खुजली होना, लाल होना, पानी गिरने जैसी समस्या हो रही है तो इसे नजरंदाज न करें। तत्काल नेत्र चिकित्सक से संपर्क कर उसके आंखों की जांच कराएं। बच्चों को विटामिनयुक्त भोजन देकर उनकी आंखों को सेहतमंद रख सकते हैं। साथ ही बच्चों को मोबाइल व टीवी, कंप्यूटर के अत्यधिक इस्तेमाल से रोकें। इस मौके पर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सत्यदीप गुप्ता, डॉ. दीनानाथ, सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ. राजू समेत एएनएम स्कूल की नर्सिंग छात्राएं व नर्से आदि की मौजूदगी रही।

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