जम्मू कश्मीर में बारिश कहर बनकर टूट पड़ी है। एनएच-44 पर कई स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है जिसके बाद श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर हजारों वाहन फंसे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि सड़क को यातायात बहाल करने में कम से कम दो दिन लग सकते हैं। जम्मू कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है, जिसके चलते रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग
पर एक निर्माणाधीन पुल की शटरिंग और 150 फुट का एक भाग पानी में बह गया। वहीं, रामबन और उधमपुर जिलों में हुए भूस्खलन के चलते राजमार्ग को बुधवार को लगातार दूसरे दिन बंद करना पड़ा और इस वजह से हजारों वाहन फंस गए। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग मुगल रोड को भी भूस्खलन के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘ भारी बारिश के चलते (राजमार्ग पर)निर्माणाधीन पीरा पुल की शटरिंग बह गई।’ उन्होंने कहा कि पुल का दूसरा हिस्सा सुरक्षित है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर यातायात के लिए किया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि उधमपुर जिले में उधमपुर कस्बे से लगभग 16 किलोमीटर दूर तोलडी नाला के निकट जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग का 150 फुट भाग बह गया। तवी नदी में अचानक आई बाढ़ में बह गए सड़क के हिस्से को ठीक करने का काम जारी है। उन्होंने कहा, ‘आज सड़क खुलने की संभावना कम है। किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।’
एक यातायात अधिकारी ने कहा, ‘रामबन जिले में कई स्थानों पर पत्थर गिरने और भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग अवरुद्ध है।’ इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि रामबन जिले में एक घर ढह गया। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। उनके मुताबिक, रियासी जिले में अंस नदी में आए सैलाब के कारण पांच लोग फंस गए थे, जिन्हें पुलिस ने बचा लिया।
डोडा जिला प्रशासन ने पर्वतीय जिले के कई इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। वहीं, घाटी की भी यही सूरत है जहां झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और श्रीनगर में मंगलवार जून के महीने में 50 साल में सबसे सर्द दिन रहा। एक अधिकारी ने बताया, “हमें चिनाब नदी न उसकी सहायक नदियों के आसपास के इलाकों और रामबन व डोडा जिलों के ढलानों और फिसलन संभावित क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित करना पड़ा है।”
अधिकारियों ने बताया कि रामबन-उधमपुर सेक्टर में भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 30 से अधिक स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण 270 किलोमीटर लंबा राजमार्ग बुधवार को लगातार दूसरे दिन बंद रहा। इस वजह से सैकड़ों गाड़ियां वहां फंस गईं। उन्होंने बताया कि जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग मुगल रोड को भी भूस्खलन के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि डोडा के अलावा, रामबन और किश्तवाड़ जिलों के उपायुक्तों ने भी निजी स्कूलों सहित उच्च माध्यमिक स्तर तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों को एक दिन के लिए बंद रखने का आदेश दिया है। रामबन जिले के उपायुक्त मुसर्रत आलम ने ट्विटर पर कहा, “भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने और कई स्थानों पर भूस्खलन को देखते हुए उच्च माध्यमिक विद्यालयों सहित रामबन जिले के सभी स्कूल आज बंद रहेंगे।”
इन जिलों के उपायुक्तों ने बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए लोगों से घरों में रहने को कहा है। अधिकारियों के मुताबिक, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई है, जिससे ठंड की स्थिति पैदा हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है। श्रीनगर में अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार दिन से हो रही भारी बारिश के कारण कश्मीर में अधिकांश जलाशयों में जलस्तर बढ़ गया है। अनंतनाग जिले के संगम में झेलम नदी बुधवार को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।
श्रीनगर में मंगलवार को अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो साल के इस समय के सामान्य तापमान से 14.2 डिग्री कम है। श्रीनगर स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जून में सबसे ठंडा दिन 2015 में दर्ज किया गया था जब अधिकतम पारा 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा था। जम्मू में मौसम केंद्र के मुताबिक, किश्तवाड़ जिले में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है जिससे हवाई और सड़क यातायात बाधित हो सकता है।