22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए एक बड़े आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह हमला करीब दोपहर 2:45 बजे हुआ, जब पर्यटकों से भरी एक बस पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस भीषण हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक महिला भी शामिल है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मृतकों में अधिकतर पर्यटक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा राज्यों से थे, जो अपने परिवार के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने आए थे।
सूत्रों के अनुसार, यह हमला पुलवामा जिले के करीध इलाके में हुआ। बताया जा रहा है कि आतंकी सेना की वर्दी में आए थे और पर्यटकों को निशाना बनाकर बेहद योजनाबद्ध तरीके से हमला किया गया। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हमलावर कुछ दिन पहले पाकिस्तान की सीमा से घुसपैठ कर कठुआ होते हुए कश्मीर पहुंचे थे।
घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, TRF लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ एक नया आतंकी समूह है, जो 2019 के बाद से घाटी में सक्रिय हुआ है।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे। घटना की सूचना मिलते ही पीएम मोदी ने अपनी यात्रा बीच में ही छोड़ भारत लौटने का निर्णय लिया। वे आज राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की आपात बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने भी अधिकारियों से बातचीत कर हालात की समीक्षा की और हमले की कड़ी निंदा की।
हमले में हरियाणा के विनय नरवाल की भी मौत हुई, जो अपनी पत्नी के साथ शादी के बाद पहली बार कश्मीर घूमने आए थे। उनकी शादी मात्र छह दिन पहले हुई थी। विनय एक सरकारी विभाग में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। इसी तरह बिहार के एक्साइज इंस्पेक्टर मनीष रंजन भी इस आतंकी हमले में मारे गए। मनीष हैदराबाद में तैनात थे और अपनी पत्नी व बच्चों के साथ छुट्टियों पर कश्मीर गए थे। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने उनका नाम पूछकर उन्हें गोली मारी। वे पूर्व में रांची में भी कार्यरत रह चुके थे।
देशभर से इस हमले की निंदा हो रही है। विपक्षी दलों ने भी इसे कायराना हरकत करार देते हुए सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की निंदा की गई है। अमेरिका, फ्रांस, रूस और अन्य देशों ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है।
पूरा देश इस समय पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है और शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। यह हमला एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जा सकती।
इस दुःखद घटना ने एक बार फिर से देश को एकजुट कर दिया है। जनता से लेकर प्रशासन तक, हर कोई इस हमले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है। देश आज शोक में है, लेकिन साथ ही आतंक के खिलाफ अपने संकल्प में और मजबूत हुआ है।