बिहार में सुशासन का राज्य बरकरार रखने के लिए जद्दोजहद कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी साख बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. बिहार में लॉ एंड ऑर्डर कैसे मजबूत बना रहे इसके लिए पुलिसिंग को दुरुस्त करने के साथ-साथ नीतीश कुमार अपनी पहली पाली के तौर पर भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की यूएसपी को भी मजबूत रखना चाहते हैं. 

पिछले कुछ अर्से से बिहार में लगातार निगरानी और उसकी स्पेशल विजिलेंस यूनिट की तरफ से कार्यवाही देखने को मिली है. अब तक भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ जो एक्शन हुआ है वह सब ने देखा है. लेकिन इस सबके बावजूद नीतीश सरकार की नजर अब किसी बड़ी मछली को फंसाने पर है. सूत्रों की मानें तो सरकार ऐसे भ्रष्ट बड़े अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही करने के मूड में है जो अब रिटायर हो चुके हैं.

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार में जिम्मेदार अधिकारियों को इस बात के लिए स्पष्ट निर्देश दे दिया है कि भ्रष्टाचार के मामले पर कोई समझौता न किया जाए. खासतौर पर निगरानी, आर्थिक अपराध इकाई और स्पेशल विजिलेंस यूनिट के अधिकारियों को कुछ बड़े अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के एक पूर्व डीजीपी की कुंडली खंगालने का निर्देश दिया गया है. 

सूत्र बताते हैं कि इस पर तेजी के साथ काम भी हो रहा है और आगे आने वाले दिनों में जबरदस्त एक्शन देखने को मिलेगा. सेवाकाल में रहते हुए अगर भ्रष्टाचार या गलत तरीके से संपत्ति बनाने की पुष्टि हुई तो शुरुआती इनपुट के बाद ऐसे बड़े चेहरों के खिलाफ एक्शन देखने को मिलेगा.

फर्स्ट बिहार को सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक के नीतीश सरकार ने ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने का मन बनाया है. जिन्होंने सरकार की नजर से बचने के लिए बिहार से बाहर भी संपत्ति बनाई इसके लिए उनकी पूरी कुंडली खा ली जा रही है. पिछले दिनों पुलिस मेंस यूनियन के एक नेता के ऊपर एक्शन देखने को मिला था. ऐसे अन्य चेहरों के खिलाफ भी एक्शन की तैयारी हो रही है. अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अगर बड़े मछलियों को फांसने की प्लानिंग हो रही है तो सबसे पहले जाल में कौन फंसता है.

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