भागलपुर में आपातकाल की 50वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा “संविधान हत्या दिवस” मनाने को लेकर सियासत गरमा गई है। 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को हर साल ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने वाली बीजेपी ने इस बार इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया है और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है। लेकिन भाजपा की इस पहल पर भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा बुरी तरह भड़क गए हैं और उन्होंने तीखा राजनीतिक हमला बोला है।
अजीत शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि जिन्होंने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया है, उन्हें सबसे पहले अपने मानसिक स्थिति का इलाज करवाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।
विधायक अजीत शर्मा ने कहा, “भाजपा के लोग आज जो कुछ भी बोल रहे हैं, वो सिर्फ बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। उन्हें डर है कि बिहार में जनता उन्हें नकार देगी, इसलिए वो 50 साल पुरानी बातों को उखाड़कर जनता का ध्यान भटका रहे हैं। इन लोगों को रोजगार, महंगाई, महिला सम्मान और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है।”
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी उस समय देश की जरूरत थी और इंदिरा गांधी ने जो भी निर्णय लिए, वह संविधान के दायरे में थे। “अगर इंदिरा गांधी पर हमला करते हैं, तो पहले उनके योगदान को समझना चाहिए। पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटना और बांग्लादेश का निर्माण, यह उनके नेतृत्व की ही देन थी। आज नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर कुछ बोलते हैं, तो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप कुछ कह दें, तो चुप बैठ जाते हैं,” शर्मा ने कटाक्ष करते हुए कहा।
कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र और संविधान की दुहाई तो देती है, लेकिन उसके अपने कामकाज में न तो लोकतंत्र दिखता है, न ही संवैधानिक मूल्यों का सम्मान। “इनके नेता आपातकाल को ‘संविधान ध्वस्त करने का षड्यंत्र’ बताते हैं, जो सरासर झूठ है।”
अजीत शर्मा ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वो जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाकर, भावनात्मक मुद्दों को उभारकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। उन्होंने कहा, “जनता अब सब समझ चुकी है। कांग्रेस पार्टी ने देश को आज़ादी दिलाई, संविधान का निर्माण करवाया और जब-जब जरूरत पड़ी, संविधान की रक्षा भी की।”
उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता अब इन दिखावे की राजनीति से ऊब चुकी है और आगामी चुनाव में भाजपा को करारा जवाब देगी। “ये लोग चाहे जितने भी दिवस मनाएं, इतिहास नहीं बदल सकता। कांग्रेस की भूमिका और इंदिरा गांधी का योगदान देश कभी नहीं भुला सकता।”
इस पूरे बयान के जरिए अजीत शर्मा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा द्वारा आपातकाल की 50वीं बरसी पर ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाना कांग्रेस को स्वीकार नहीं और पार्टी इसे केवल राजनीतिक स्टंट मानती है। ऐसे में बिहार में आगामी चुनाव से पहले यह मुद्दा सियासी गर्मी और बहस को और बढ़ा सकता है।
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