प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार बिहार के दौरे पर आ रहे हैं, जिससे राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री 29 और 30 मई को बिहार में कई विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, जो आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक अहम राजनीतिक संदेश देने की दिशा में देखा जा रहा है।
तैयारियों में जुटी है बीजेपी
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर बिहार बीजेपी ने व्यापक तैयारी की है। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने जानकारी दी कि 29 मई को पीएम नरेंद्र मोदी पटना पहुंचेंगे और यहां नवनिर्मित पटना एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह बिहटा एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। यह कदम राज्य की कनेक्टिविटी और अवसंरचना को मजबूती देगा।
बीजेपी कार्यकर्ता प्रधानमंत्री के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पटना एयरपोर्ट से लेकर बीजेपी दफ्तर तक के मार्ग पर रोड शो का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री पर पुष्पवर्षा की जाएगी और जगह-जगह पर कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे। इस आयोजन को लेकर पूरे पटना में एक विशेष उत्साह देखा जा रहा है।
बीजेपी कार्यालय में रणनीतिक बैठक
प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी कार्यालय पहुंचकर सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और प्रदेश पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में वे बूथ स्तर तक संगठन की स्थिति और कार्यकर्ताओं के कामकाज की जानकारी लेंगे। यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव की दृष्टि से संगठनात्मक रणनीति तय करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विक्रमगंज में विकास की सौगात
30 मई को प्रधानमंत्री विक्रमगंज का दौरा करेंगे, जहां वह लगभग 50 हजार करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वह एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जहां से वह बिहार के लोगों को विकास और राष्ट्र सुरक्षा के मुद्दों पर संबोधित कर सकते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव और सुरक्षा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा केवल विकास योजनाओं तक सीमित नहीं है। राजनीतिक विश्लेषक इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जोड़ते हुए सुरक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार के कड़े रुख का संकेत मान रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मधुबनी के झंझारपुर की सभा में प्रधानमंत्री ने आतंकियों को सख्त चेतावनी दी थी और ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों को 22 मिनट में तबाह कर दिया गया था। यह कार्रवाई देश की सुरक्षा नीति में एक निर्णायक मोड़ मानी जाती है।
चुनावी रणनीति की शुरुआत?
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह दौरा आगामी विधानसभा चुनाव की भूमिका तय कर सकता है। जहां एक ओर प्रधानमंत्री राज्य को विकास की सौगात देंगे, वहीं दूसरी ओर बीजेपी अपने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने का काम करेगी। बिहार की राजनीति धीरे-धीरे चुनावी मोड में प्रवेश कर रही है, और प्रधानमंत्री का यह दौरा उसी दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा सकता है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा बिहार के लिए विकास, सुरक्षा और चुनावी रणनीति का संगम बनकर उभर रहा है। इस दौरे के माध्यम से न केवल केंद्र की उपलब्धियों को जनता के सामने लाया जाएगा, बल्कि आगामी चुनाव के लिए एक मजबूत राजनीतिक संदेश भी दिया जाएगा।
