भागलपुर जिले के पीरपैंती के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही पूर्णिया में मौजूद रहे हों, लेकिन उनकी सौगात की गूंज भागलपुर के इस छोटे से कस्बे तक पहुंची। पीएम मोदी ने 2400 मेगावाट क्षमता वाले थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास कर पूरे क्षेत्र को ऊर्जा उत्पादन की दिशा में नई पहचान दी। इसके साथ ही दशकों से स्थानीय लोगों की लंबित मांग को भी पूरा करते हुए पीरपैंती रेलवे स्टेशन पर *ब्रह्मपुत्र मेल* का ठहराव शुरू किया गया।
जैसे ही ब्रह्मपुत्र मेल पहली बार पीरपैंती स्टेशन पर रुकी, वहां मानो खुशी का सैलाब उमड़ पड़ा। स्थानीय लोगों ने स्टेशन पर इकट्ठा होकर ट्रेन का जोरदार स्वागत किया। ट्रेन के चालक को फूल-माला पहनाकर अभिनंदन किया गया और स्टेशन परिसर “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिंदाबाद” और “पीरपैंती की जय” जैसे नारों से गूंज उठा। यह नजारा वहां मौजूद हर व्यक्ति के लिए अविस्मरणीय रहा।
स्थानीय लोगों ने कहा कि पावर प्लांट और रेलवे ठहराव दोनों योजनाएं इस इलाके के लिए जीवन बदलने वाली साबित होंगी। पावर प्लांट के बन जाने से न केवल क्षेत्र को रोजगार मिलेगा बल्कि पूरे राज्य को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में बल मिलेगा। वहीं, ब्रह्मपुत्र मेल के ठहराव से लोगों की लंबे समय से चली आ रही कठिनाइयां खत्म होंगी। अब राजधानी पटना, दिल्ली और अन्य बड़े शहरों तक पहुंच आसान हो जाएगी।
रेल ठहराव को लेकर लोगों में विशेष उत्साह देखा गया। उनका कहना था कि अब छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों को लंबी दूरी तय करने के लिए भागलपुर या कहलगांव नहीं जाना पड़ेगा। सीधा ठहराव मिल जाने से समय और धन दोनों की बचत होगी। इससे न सिर्फ आम नागरिकों को सुविधा होगी बल्कि आसपास के इलाकों के आर्थिक और सामाजिक विकास की गति भी तेज होगी।
कार्यक्रम के दौरान लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त किया। उनका कहना था कि यह ठहराव सिर्फ सुविधा ही नहीं बल्कि क्षेत्र की पहचान और गरिमा को भी नई ऊंचाई देगा।
पावर प्लांट और रेल ठहराव की इस दोहरी सौगात से पीरपैंती का महत्व और बढ़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र न केवल बिजली उत्पादन का केंद्र बनेगा बल्कि रेल संपर्क के कारण व्यापार और उद्योग के लिए भी बड़ा हब साबित होगा।
कुल मिलाकर, आज का दिन पीरपैंती के लिए ऐतिहासिक और स्वर्णिम अध्याय बन गया। वर्षों की प्रतीक्षा खत्म हुई और अब विकास की गाड़ी तेज रफ्तार से दौड़ने के लिए तैयार है।
