पूर्व रेलवे के अंतर्गत आने वाला पीरपैंती स्टेशन अब पूरी तरह से नए लुक में नजर आ रहा है। भागलपुर रेल क्षेत्र का यह पहला स्टेशन है जिसे ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत पुनर्विकसित किया गया है। यह योजना रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर उन्हें विश्वस्तरीय रूप देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इसके साथ ही भागलपुर-हावड़ा रेलखंड के अंतर्गत आने वाले राजमहल स्टेशन का भी इसी योजना के अंतर्गत कायाकल्प हुआ है।

इन दोनों स्टेशनों का उद्घाटन 22 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। इसके लिए दोनों स्टेशनों पर तैयारियाँ जोरों पर चल रही हैं। उद्घाटन समारोह को लेकर स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारी लगातार निगरानी बनाए हुए हैं ताकि कार्यक्रम में कोई कमी न रह जाए।

मालदा रेल मंडल के जनसंपर्क विभाग के अनुसार, पीरपैंती स्टेशन को एनएसजी-5 श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। यह स्टेशन पूर्व रेलवे के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में जाना जाता है। यहां यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए इसका पुनर्विकास किया गया है। लगभग 18.93 करोड़ रुपये की लागत से इस स्टेशन का आधुनिकीकरण किया गया है।

हालांकि पुनर्विकास के पहले चरण का कुछ कार्य अभी भी प्रगति पर है, लेकिन स्टेशन की इमारत, सजावट, साइनेज, विद्युत व्यवस्था जैसे प्रमुख कार्य पूरे कर लिए गए हैं। लिफ्ट लगाने का कार्य जारी है, जिससे वृद्ध और दिव्यांग यात्रियों को सुविधा मिलेगी। इसके अलावा स्टेशन पर 12 मीटर चौड़ा फुट ओवर ब्रिज और रूफ प्लाजा का निर्माण भी तीव्र गति से चल रहा है।

सौंदर्यीकरण की दृष्टि से स्टेशन पर कई पहल की गई हैं। आगमन और प्रस्थान के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए हैं। पैदल यात्रियों के लिए चौड़े मार्ग, आकर्षक मूर्तियां, आंतरिक सज्जा और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था की गई है। इसके अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय, आरक्षित लाउंज और महिलाओं के लिए विशेष प्रतीक्षालय का निर्माण भी किया गया है।

पीरपैंती स्टेशन के इस नए स्वरूप से न केवल यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि इससे क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी। यह स्टेशन अब न केवल यात्रियों के लिए एक परिवहन केंद्र रहेगा, बल्कि स्थानीय गर्व और आधुनिकता का प्रतीक भी बनेगा। अमृत भारत योजना के तहत हो रहे इन प्रयासों से भारतीय रेलवे की नई दिशा और दृष्टि स्पष्ट रूप से झलकती है।

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