रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन संकट के बीच परमाणु फोर्स को अलर्ट पर रख चुके हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही रूस कोई बड़ा कदम उठा सकती है। इससे इतर रूस और यूक्रेन आपस में बातचीत के लिए भी राजी हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बेलारूस बॉर्डर पर रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत पर हामी भर दी है। इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हम भले ही बातचीत के लिए राजी हुए हों, लेकिन हम एक सेंटीमीटर भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।

यूक्रेनी सरकार ने एक बार रूस को आंखे दिखाई हैं। रूस और यूक्रेनी सैनिकों के बीच चल रहे खूनी-संघर्ष के बीच दोनों राष्ट्र बातचीत का भी रास्ता खोलने को तैयार हैं। इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने रूस को कड़े शब्दों में चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा हम बातचीत के रास्ते शांति के लिए खोल रहे हैं लेकिन हमारा मकसद पीछे हटना नहीं है। हमारी सेना एक सेंटीमीटर भी पीछे नहीं आएंगे।

इससे पहले पुतिन के न्यूक्लियर फोर्स को अलर्ट करने के आदेश पर सभी पश्चिमी देश सकते में है। नाटो चीफ ने अपने बयान में कहा कि रूस का परमाणु फोर्स अलर्ट पर रखना उनका खतरनाक तरीका है। ये पुतिन का खतरनाक और गैरजिम्मेदाराना तरीका है। वहीं, इस मामले में अमेरिका की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। व्हाइट हाउस ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि पुतिन अपने कदमों से खतरनाक स्थिति पैदा कर रहे हैं। परमाणु फोर्स को अलर्ट पर रखना उनके खतरनाक तरीके को दिखाता है।

गौरतलब है कि रूस के हमले के बाद से यूक्रेन में अब तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हैं। ऐसे में अब अमेरिका ने मानवीय जरूरत और पीड़ितों की सहायता के लिए 54 मिलियन डॉलर यूक्रेन को देने का फैसला किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने इसकी जानदारी देते हुए कहा कि अमेरिका यूक्रेन के लोगों को करीब 54 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त मानवीय सहायता मुहैया करा रहा है। यह सहायता मानवीय संगठनों को यूक्रेन के नागरिकों को पहले से ही ज़रूरतमंद और रूस के अकारण और अनुचित हमले से प्रभावित लोगों की मदद के लिए दिया जा रहा है।

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