पटना। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में सर्वे से जानकारी मिली कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। हाल ही में चाणक्या लॉ विश्वविद्यालय, पटना के सर्वे से पता चला है कि एक करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है।

बिहार में 99 प्रतिशत महिलाएं तथा 92-93 प्रतिशत पुरुष शराबबंदी के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होनेवाले नुकसान के संबंध में अध्ययन कराकर वर्ष 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया कि पूरे

एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई, जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है।

आत्महत्या के जितने मामले आते हैं उनमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती है। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियां भी होती हैं।

इस अवसर पर मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, छत्तीसगढ़ से आए हुए प्रतिनिधिमंडल दल के अध्यक्ष, विधायक सत्यनारायण शर्मा, विधायक द्वारिकाधीश यादव, विधायक रश्मि आशीष सिंह, विधायक शिशुपाल सोरी, विधायक कुंवर सिंह निषाद, विधायक दलेश्वर साहु, विधायक पुरुषोत्तम कंवर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, छतीसगढ़ आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास, आयुक्त, उत्पाद बी कार्तिकेय धनजी आदि उपस्थित थे।

शराब बुद्धि हर लेती है

सीमने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लोगों को समझाया करते थे कि शराब बुरी चीज है, इसका सेवन न करें। बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है, बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है।

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