यूक्रेन की पहली उपविदेश मंत्री एमीन झापरोवा रविवार को भारत के चार दिवसीय दौरे पर आ रही हैं। पिछले साल फरवरी में शुरू हुए रूसी-यूक्रेन युद्ध के बाद से यह कीव की ओर से किसी मंत्री की पहली आधिकारिक भारत यात्रा है।

यूक्रेन की पहली उपविदेश मंत्री एमीन झापरोवा रविवार को भारत के चार दिवसीय दौरे पर आ रही हैं। पिछले साल फरवरी में शुरू हुए रूसी-यूक्रेन युद्ध के बाद से यह कीव की ओर से किसी मंत्री की पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। यूक्रेनी मंत्री की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पश्चिमी देशों में यूक्रेन युद्ध पर चीन के शांति प्रस्ताव को लेकर निराशा है और चीन अब खुलकर रूस के साथ खड़ा दिख रहा है। इसके बावजूद यूरोपीय देशों के नेता चाहते हैं कि चीन अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए रूस को वार्ता की टेबल पर लाए, जिसमें उन्हें सफलता मिलती नहीं दिख रही है। भारत भी इस मुद्दे के सैन्य समाधान की बजाए इसके कूटनीतिक हल करने की बात करता रहा है। गौर करने की बात है कि चीन के शांति प्रस्ताव के बावजूद यूक्रेन ने अपने मंत्री को चीन के बजाए भारत भेजना जरूरी समझा है।

अपने समकक्ष भारतीय मंत्री से मिलेंगी झापरोवा

अपनी द्विपक्षीय भारत यात्रा के दौरान युद्धग्रस्त देश की मंत्री भारत की विदेश राज्य मंत्री और संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री से भी मिलेंगी। इस यात्रा के दौरान झापरोवा यूक्रेन की मौजूदा स्थिति और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों विचारों का आदान-प्रदान करेंगी। भारत यात्रा के दौरान यूक्रेन की मंत्री भारत से दवा, चिकित्सा उपकरण, युद्ध के दौरान क्षतिग्रस्त हुए बिजली इन्फ्रास्ट्रक्चर की मरम्मत के लिए ऊर्जा उपकरण आदि मानवीय मदद का भी अनुरोध करेंगी। विश्व मामलों की भारतीय परिषद भी 11 अप्रैल को यूक्रेन की उप विदेश एमीन झापरोवा के साथ एक वार्ता की मेजबानी करेगी।

आपसी समझ और हितों के लिए जरूरीः भारत

यूक्रेनी मंत्री की यात्रा से पूर्व भारत ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि, यूक्रेन के साथ भारत मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध और बहुमुखी सहयोग साझा करता है। पिछले 30 वर्षों के राजनयिक संबंध में दोनों देशों ने व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण दि्वपक्षीय प्रगति की है। यह यात्रा आपसी समझ और हितों को आगे बढ़ाने का अवसर होगी।

जेलेंस्की को बुलाया जाए जी-20 बैठक में भारत

यूक्रेनी मंत्री की भारत यात्रा इस लिहाज से अहम मानी जा रही है कि अपनी इस यात्रा के दौरान झापरोवा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कीव आने का न्योता देंगी। साथ ही यूक्रेन की कोशिश होगी कि सितंबर में नई दिल्ली में हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को भी भारत आमंत्रित किया जाए। बता दें, यूक्रेन ने पिछले साल जुलाई में भारत समेत कई देशों के यूक्रेनी राजदूत को हटा दिया था और तब से किसी नए राजदूत की नियुक्ति नहीं की गई है।

रूस को संदेश देने की कोशिश

पत्रकार रह चुकीं यूक्रेनी मंत्री की कोशिश होगी कि इस यात्रा के दौरान भारत की ओर से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को शांति के लिए बड़ा संदेश जाए। जुलाई में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन और सितंबर के जी-20 सम्मेलन में पुतिन की भारत यात्रा प्रस्तावित है। यूक्रेन युद्ध में भारत अब तक तटस्थ रहते हुए दोनों पक्षों को युद्ध छोड़कर शांति वार्ता के लिए टेबल पर आने का आग्रह करते रहा है। यूक्रेन की कोशिश होगी कि भारत यूक्रेन की ओर से शांति के लिए प्रस्तावित 10 सूत्रीय फार्मूले पर अपनी आवाज दे जिससे इस दिशा में कोई आम सहमति बन सके।

सैन्य समाधान नहीं हो सकताः पीएम मोदी

पीएम मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर कई बार फोन पर बात हुई है। पीएम मोदी ने कहा है कि दोनों पक्षों को अपने मतभेदों का स्थायी समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति पर वापस लौटना चाहिए। पिछले साल 4 अक्टूबर को राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में, पीएम मोदी ने कहा था कि इस टकराव का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है।

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