अब किसी भी सड़क की खुदाई से पहले संबंधित विभाग या एजेंसी को सीबीयूडी (Call Before You Dig) एप पर पूर्व सूचना देनी अनिवार्य होगी। यदि किसी एजेंसी ने खुदाई से पहले यह जानकारी नहीं दी और इससे दूरसंचार नेटवर्क को नुकसान हुआ, तो उस पर न केवल भरपाई का दायित्व होगा, बल्कि 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह चेतावनी दूर संचार विभाग ने जारी की है और सोमवार को संबंधित विभागों को नोटिस भी भेज दिया गया है।
यह सख्ती दूर संचार अधिनियम 2023 के खंड 42(5) के अंतर्गत की जा रही है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी विभाग या एजेंसी की गतिविधियों से दूरसंचार नेटवर्क को कोई नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई वही करेगा। इस अधिनियम को लागू करने और नुकसान से बचने के उद्देश्य से सीबीयूडी एप विकसित किया गया है, जो राज्य सरकार के सहयोग से तैयार हुआ है।
सीबीयूडी एप का मकसद खुदाई करने वाले और भूमिगत केबल या पाइपलाइन के स्वामियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। खुदाई से पहले एप पर स्थान, सड़क की लंबाई, तिथि, समय जैसे विवरण दर्ज करने होते हैं। इससे संबंधित विभाग पहले से जानकारी लेकर जरूरी सावधानियां अपना सकते हैं, जिससे ऑप्टिकल फाइबर केबल, जल पाइपलाइन, विद्युत केबल, गैस पाइपलाइन आदि को नुकसान नहीं पहुंचे।
वर्तमान में इस एप पर 3984 विभाग और 1302 खुदाई करने वाली एजेंसियां पंजीकृत हैं। इसके बावजूद पिछले एक वर्ष में राज्यभर में कुल 1358 स्थानों पर सड़क की खुदाई की गई, जिनमें से 220 मामलों की सूचना सीबीयूडी एप पर नहीं दी गई। यह लापरवाही न केवल तकनीकी सेवाओं को बाधित करती है, बल्कि आर्थिक नुकसान का भी कारण बनती है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि मेट्रो रेल निगम जैसी बड़ी एजेंसी भी अभी तक सीबीयूडी एप पर पंजीकृत नहीं है। जबकि विभाग की ओर से बार-बार नोटिस भेजे गए हैं, जिनमें यह कहा गया है कि सभी संबंधित एजेंसियां इस एप पर पंजीकरण कराएं और किसी भी खुदाई से पहले इसकी सूचना दें।
दूर संचार विभाग का कहना है कि इस एप का उपयोग न केवल कानूनी अनिवार्यता है, बल्कि यह तकनीकी और सार्वजनिक सेवाओं की सुरक्षा के लिए जरूरी भी है। भविष्य में यदि बिना सूचना खुदाई की गई और इससे कोई नुकसान हुआ, तो संबंधित एजेंसी या विभाग पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम सरकार की डिजिटल और बुनियादी ढांचा सेवाओं को सुरक्षित रखने की दिशा में एक अहम प्रयास है, जिससे न केवल सेवाएं बाधित होने से बचेंगी, बल्कि सार्वजनिक धन की भी बचत होगी।