किसी व्यक्ति का जो मूल राज्य है उसी राज्य में उसे आरक्षण का लाभ मिलेगा।
आरक्षित श्रेणी की किसी महिला की शादी यदि दूसरे राज्य में हुई है तो उसे दूसरे राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता।
झारखंड हाईकोर्ट ने एक फैसले में यह आदेश दिया है। जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने कहा है कि सिर्फ इस आधार पर कोई आरक्षण का दावा नहीं कर सकता कि उसे इसी राज्य के अधिकारी ने जाति प्रमाणपत्र जारी किया है।
स्थापित कानून के तहत जो व्यक्ति दूसरे राज्य से स्थानांतरित हो गया है उसे केवल मूल राज्य में ही आरक्षण का लाभ मिलेगा।
हाईकोर्ट ने बिहार की एक महिला जो शादी के बाद झारखंड आयी थी उसके आरक्षण के दावे को खारिज कर कर दिया।
इस संबंध में रीना कुमारी राणा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
इसमें कहा गया था कि वर्ष 2016 में झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था।
इसमें रीना राणा भी शामिल हुई थी।