बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद से आंकड़ों को लेकर छिड़ा घमासान थमने के नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां सरकार खुद अपनी वाहवाही कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता आरसीपी सिंह ने जातीय गणना पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

आरसीपी सिंह ने कहा है कि जातीय गणना में मुस्लिम समाज के सिया समुदाय को दरकिनार कर दिया गया है इसके अलावे ईसाई को भी हरिजन शब्द का इस्तेमाल कर उसे जोड़ा गया है और बौद्ध धर्म और जैनी का भी कोई अता पता नहीं है। नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार में सभी धर्म के लोग रहते हैं। नालंदा महावीर और बुद्ध की नगरी है तो कहां गए इन धर्मों को मानने बाले लोग। नीतीश कुमार ने बिहारी स्मिता को तार तार करने का काम किया है।

आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि बनिया समाज के लोगों के साथ भी जातीय गणना में भेदभाव किया गया है। उन्होंने कहा की जिस नीतीश ने सिया बोर्ड बनाया वही नीतीश कुमार जातीय गणना में सिया समाज के लोगों को छोड़ दिया। इस जातीय गणना में सिया समाज के लोगों को छोड़ दिया ऐसे में जातीय गणना के आंकड़े पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। नीतीश कुमार ने बिहारी को टुकड़ा-टुकड़ा कर बिहारी स्मिता के साथ एक बड़ा खिलवाड़ किया है।

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