राष्ट्रीय उच्च पथ 80 जो बिहार के मुंगेर ,भागलपुर ,कहलगांव होते हुए झारखंड के साहिबगंज से लेकर बंगाल के फरक्का तक है। लेकिन जो कहानी आज हम आपको बता रहे हैं वह भागलपुर सबौर से कहलगांव पीरपैंती तक की है।
यह मार्ग पहले राजकीय उच्च पथ था जिसे 2001 में राष्ट्रीय उच्च पथ का दर्जा मिला। 310 किलोमीटर लंबी इस सड़क से बिहार के मुंगेर, भागलपुर, झारखंड के मिर्जाचौकी, साहिबगंज बंगाल के फरक्का समेत कई शहर व इलाके जुड़े हैं।
वर्तमान स्थिति की बात करें तो घोघा से कहलगाँव तक खूनी गड्ढे बन गए हैं जहां लगातार ट्रक और वाहन पलट रहे हैं। बारिश के बाद तो एनएच खेत बन चुका है। ट्रकों के फंसने और गुल्ले टूटने के बाद लगातार जाम से जूझना पड़ता है।
इस रास्ते से 30 हजार वाहन हर रोज चलते हैं ,स्कूल बसें चलती है हर किसीको इसका दंश झेलना पड़ता है। हाल ही में इसी सड़क के गड्ढे में मछली भरी पिकअप वाहन पलट गई थी जिसके बाद तलाबनुमा गड्ढे में ग्रामीणों व बच्चों ने जमकर मछलियां पकड़ी।
हर रोज इस एनएच से सफर करने वाले कहलगाँव अनुमंडल निवासी नवीन कुमार हमसे बात करते बरसात में थोड़ी परेशानी होगी लेकिन बरसात के बाद काम तेजी से होगा और एनएच 80 ऐसा बन जाएगा कि 25 साल तक सोचना नहीं पड़ेगा। इसके बनने में एक हजार करोड़ के करीब लागत आएगी।
भागलपुर जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि एनएच 80 के लिए दो पैकेज में काम होना है, टेंडर हो चुका है,एजेंसी भी आ चुकी है। मेजर समस्या फॉरेस्ट क्लियरेंस को लेकर आ रही है, प्रोसेस चल रहा है। क्लियरेंस के बाद एजेंसी काम करेगी। सबौर के बाद से कहलगाँव तक गड्ढों को भरने की जरूरत है। कार्यपालक अभियंता से इसको लेकर बात की गई है। 10 दिन के अंदर सभी गड्ढे भर दिये जाएंगे।
बरसात में थोड़ी परेशानी होगी लेकिन बरसात के बाद काम तेजी से होगा और एनएच 80 ऐसा बन जाएगा कि 25 साल तक सोचना नहीं पड़ेगा। इसके बनने में एक हजार करोड़ के करीब लागत आएगी।
भागलपुर जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि एनएच 80 के लिए दो पैकेज में काम होना है, टेंडर हो चुका है,एजेंसी भी आ चुकी है। मेजर समस्या फॉरेस्ट क्लियरेंस को लेकर आ रही है, प्रोसेस चल रहा है। क्लियरेंस के बाद एजेंसी काम करेगी। सबौर के बाद से कहलगाँव तक गड्ढों को भरने की जरूरत है। कार्यपालक अभियंता से इसको लेकर बात की गई है। 10 दिन के अंदर सभी गड्ढे भर दिये जाएंगे