एमपी के खंडवा जिले से पुनर्विवाह की जो खबर आई है वो समाज को एक बेहतर संदेश दे रही है. यहां एक सास-ससुर ने अपनी विधवा बहु और दूसरे सास-ससुर ने अपने विधुर दामाद की दूसरी शादी करवाई. 

इस पुनर्विवाह में दोनों सास-ससुर ने अपनी बहु और दामाद के लिए खुद रिश्ता ढूंढा. दोनों ने अपनी बेटी और बेटे को एक-दूसरे से मिलवाया. इन दोनों ने ही शादी के कुछ वर्षों बाद अपने जीवन साथी को खो दिया था. इस शादी से उन्हें अपनी जिन्दगी एक नए सिरे से शुरू करने का मौक़ा मिल गया है. इस जोड़े की पहली शादी से बच्चे भी हैं. खंडवा जिले का यह अनूठा पुनर्विवाह गायत्री मंदिर में हुआ. 

सास-ससुर ने बहु और दामाद की कराई दोबारा शादी

मिली जानकारी के अनुसार, खरगोन के रहने वाले रामचंद्र राठौर और गायत्री राठौर के बेटे अभिषेक की पांच वर्ष पहले हार्टअटैक से मौत हो गई थी. उनकी एक बेटी भी थी. राठौर कपल से बहु और पोती की उदासी देखी नहीं गई. उन्होंने बहु मोनिका की दोबारा शादी करवाने का फैसला किया.

वहीं खंडवा के रहने वाले दिनेश की पत्नी समिता का कोरोना महामारी के दौरान निधन हो गया था. उनकी दो बेटियां भी हैं. दिनेश की सास शकुंतला और ससुर मोहनलाल राठौर अपने दामाद के लिए एक बहु तलाश रहे थे. ताकि दोनों पोतियों का भविष्य संवर सके और दामाद की जिंदगी दोबारा से शुरू हो सके.  दिनेश जिला न्यायालय में स्टोनो पद पर कार्यरत हैं.

बेटी की तरह किया विदा 

दुल्हन मोनिका ने बताया कि उनकी पति की पांच साल पहले मौत हो गई थी. सास ससुर ने बेटी की तरह विदा किया. वहीं, दूल्हे दिनेश राठौर का कहना है कि डेढ़ साल पहले पत्नी का कोरोना से निधन हो गया था. फिर मेरे सास ससुर ने मुझे दोबारा शादी करने के लिए जोर दिया. वह मेरे लिए लगातर लड़की तलाश करते रहे. फिर खरगौन के रामचंद्र राठौर की विधवा बहु की जानकारी मिली. उनसे हमारा रिश्ता जोड़कर एक मिसाल कायम की है. 

दुल्हन की सास गायत्री का कहना है कि बेटे के निधन के बाद बहू को हमेशा बेटी का प्यार दिया. उसकी भविष्य की चिंता होती थी. उसके लिए वर ढूंढना शुरू कर दिया. पहले दो साल काफी समझाने के बहू राजी नहीं हो रही थी. फिर उसकी दूसरी शादी के लिए राजी किया और अपनी बेटी की तरह उसे विदा कर दिया

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