मिड डे मील योजना के तहत अब बच्चों की थाली में नहीं मिलेंगे अंडे

भागलपुर,पीरपैती प्रखंड का एक ऐसा स्कूल मध्य विद्यालय रिफातपुर जो केवल बाहर से देखने में चकाचक दिखाई देता है लेकिन अंदर की स्थिति बद से बदतर है ना तो बाथरूम की व्यवस्था है और ना ही बच्चों को पानी पीने की कोई व्यवस्था है, इस स्कूल में ढाई सौ से तीन सौ गरीब बच्चे अपने सपने को सवारने आते हैं लेकिन यहां की स्कूली व्यवस्था इतनी बद से बदतर है कि उसके अरमान पहली सीढ़ी पर ही चूर-चूर हो जा रहे हैं ,

यहां के प्रधानाध्यापक श्यामसुंदर ठाकुर का अपना ही नियम चलता है विद्यालय में बच्चों और शिक्षकों के आने का समय और जाने का समय सरकार सुनिश्चित नहीं करते यहां के प्रधानाचार्य सुनिश्चित करते हैं जब मर्जी तब आना और जब मर्जी तब जाना वाली बात यहां देखने को आए दिन मिलते रहती है,

वही मिड डे मील योजना केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसके अंतर्गत पूरे देश में प्राथमिक और लघु माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को दोपहर का भोजन निशुल्क प्रदान किया जाता है जिसके लिए मीनू भी तैयार है लेकिन यहां भी प्रधानाचार्य का ही नियम चलता है शुक्रवार को प्रत्येक विद्यालय में चावल और अंडा की सब्जी देने की बात है

लेकिन यहां के प्रधानाचार्य का कहना है ₹5 में अंडा नहीं मिलता इसलिए मैं नहीं दे पाऊंगा बच्चों को मैं जो खाना दे रहा हूं वही खाना पड़ेगा यह तानाशाही कहीं न कहीं सरकार के नियमों पर सवाल खड़े करते हैं अगर विद्यालय के प्रधानाचार्य ही इस तरह बात करेंगे तो फिर बच्चों में अनुशासन कहां से आएगी। इस विद्यालय में मीनू के अनुसार एक भी दिन खाना नहीं खिलाया जाता है ,

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