अखंड सौभाग्य का पर्व हरितालिका तीज 18 सितंबर को है। तीज पर सुहागिन महिलाएं अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए व पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत करेंगी। वे भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा करेंगी। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। संध्या के समय डलिया भरेंगी।

इसमें फल, फूल, पकवान आदि रखा जाता है। मंगलवार की सुबह पारण होगा।

शनिवार को बाजार में खरीदारी के लिए महिलाओं की भीड़ रही। वेरायटी चौक के पास पूजन सामग्री बेच रहे शंकर मंडल ने बताया कि अल्ता दस, मेहंदी दस, सिंदूर दस और हरितालिका व्रत कथा की किताब 20 रुपये में बिक रही है।

वहीं चूड़ी, सिंदूर व अन्य पूजन सामग्री का सेट 50 रुपये में बिक रहा है। एक डलिया की कीमत 30 रुपये थी। रविवार को पूजन सामग्री की अच्छी बिक्री होगी।

जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर सोमवार को है।

इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं।

तृतीया तिथि रविवार को सुबह 940 में प्रवेश करेगी और 18 सितंबर सुबह 10.36 तक रहेगी।

उदया तिथि में तृतीया तिथि होने के कारण इसका मान दिनभर रहेगा।

सोमवार को चौथ चांद पूजन

आस्था व विश्वास के साथ श्रद्धालु सोमवार को चौथ चांद का व्रत करेंगे।

संध्या बेला में महिला फल, पकवान, बतासा आदि से डालिया भरेंगी और शाम में कच्चे दूध से चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजन करेंगे।

पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को कलंक चतुर्थी या चौथ चांद की पूजा होगी।

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