बिहार की राजधानी पटना में लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है. लुटेरों ने पेट्रोल पंप के कर्मचारियों से ₹1500000 लूटकर फरार हो गए. लुटेरों ने लूट की घटना को इस बखूबी से अंजाम दिया कि कर्मचारियों के पीछे सुरक्षा के लिए चल रहे अन्य सहयोगियों को उसे पकड़ने का मौका तक नहीं मिला. बाइक सवार लुटेरे लाखों रुपये लूटकर आराम से निकल गए. पटना पुलिस अब सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रही है, ताकि लुटेरों के बारे में कुछ सुराग मिल सके. पुलिस को शक है कि कोढ़ा गिरोह ने इस लूटकांड को अंजाम दिया होगा.
जानकारी के अनुसार, पटना के रूपसपुर थाना क्षेत्र के नेहरू पार्क बेली रोड में सोमवार को दिनदहाड़े बाइक सवार अपराधियों ने राजधानी पेट्रोल पंप के कर्मचारी से 15 लाख रुपए लूट ले गए. घटना के दौरान पेट्रोल पंप कर्मियों ने अपराधियों का पीछा करने की भी कोशिश की, लेकिन आरपीएस मोड़ के पास से दोनों अपराधी भागने में सफल रहे. मौके पर दानापुर एसपी विनोद धीमान के नेतृत्व में पुलिस टीम पहुंची और पूरे मामले की छानबीन की. अपराधियों की पहचान के लिए पुलिस सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही है. इस घटना से पटना पुलिस भी सकते में है, क्योंकि लूट की वारदात को दिनदहाड़े अंजाम दिया गया.विज्ञापन
पेट्रोल पंप के 2 कर्मचारी ले जा रहे थे पैसे
गोला रोड स्थित राजधानी पेट्रोल पंप के कर्मचारी मुनीलाल और कृष्ण कुमार दोपहर बाद बाइक से 15 लाख रुपए लेकर निकले थे. इन पैसों को बैंक में जमा कराना था. कृष्णा बाइक चला रहा था, जबकि मुनीलाल उसके पीछे रुपए से भरा बैग लेकर बैठा था. उन दोनों की सुरक्षा के लिए दो अन्य कर्मचारी पीछे से बाइक से चल रहे थे. कृष्णा की बाइक ने जैसे ही नेहरू पथ की सर्विस लेन में टर्न लिया तभी एक वाहन शोरूम के पास पहुंचा और दो अपराधियों ने मुनीलाल के हाथ से बैग छीनकर फरार हो गए. बाइक सवार दोनों युवक हेलमेट पहन रखे थे. घटना के बाद कर्मचारियों ने पुलिस को तत्काल सूचना दी.
कोढ़ा गैंग पर शक
पुलिस सूत्रों की मानें तो वारदात का तरीका कोढ़ा गिरोह की कारगुजारियों से मिलता जुलता दिख रहा है. अक्सर देखा गया है कि गिरोह के सदस्य बैंकों और प्रतिष्ठानों की रेकी करते हैं और जब कोई शख्स मोटी रकम निकालकर चलता है तब वह राहगीरों को इसी तरीके से लूटता है. अपनी सुरक्षा के लिए इस गिरोह के सदस्य हथियार तक चलाने से गुरेज नहीं करते हैं. पिछले 1 जून से 25 जून तक की बात कर लें तो पटना में रुपए, चेन और मोबाइल झपटने वाले 47 केस दर्ज किए गए हैं. सूत्रों की मानें तो मोबाइल छीनने के मामलों को थाना में गुमशुदगी बताकर दर्ज कर लिया जाता है, जिससे सही आंकड़े भी सामने नहीं आते हैं.