हिंदू धर्म के अनुसार रुद्राक्ष को बहुत ही महत्व दिया जाता है . अक्सर ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष पहनने से कोई भी परेशानी सामने नहीं आती है. साथ ही कुछ लोगों की ऐसी भी धारणा है कि रुद्राक्ष पहनने से भूत पिचास तथा बहुत सारी बीमारियां शरीर से दूर रहती हैं. लेकिन आपको बता दें कि रुद्राक्ष का सही तरीके से उपयोग ना करना भी अपने आप से बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. तो चलिए इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि रुद्राक्ष का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए.
मदिरा का सेवन करते समय ना पहने रुद्राक्ष
अगर आप मदिरा का सेवन करते हैं या तामसिक भोजन का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें छोड़ नहीं सकते तो फिर आपको रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए. लेकिन फिर भी आप अगर धारण करना चाहते हैं तो पहले खुद को शराब और तामसिक भोजन का त्याग करने के लिए तैयार करें. अन्यथा आपको इससे कोई फायदा नहीं होगा
सोते समय उतार दे रुद्राक्ष
बता दे सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सोते समय शरीर अशुद्ध रहता है. इसके साथ उस समय रुद्राक्ष के टूटने का भी डर बना रहता है इसलिए ऐसा कहा जाता है कि सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार कर रख देना चाहिए. रुद्राक्ष को लेकर एक यह भी मान्यता है कि तकिए के नीचे रुद्राक्ष रखकर सोने से आत्मिक शांति मिलती है, और इससे बुरे सपने भी नहीं आते हैं.
जहां किसी बच्चे का जन्म हुआ हो
जहां किसी बच्चे का जन्म हुआ हो वहां रुद्राक्ष धारण करके नहीं जाना चाहिए यह रुद्राक्ष धारण करने का एक महत्वपूर्ण नियम है. आपको बता दे जिस कक्ष में बच्चे का जन्म हुआ हो उसमें रुद्राक्ष धारण करके बिल्कुल भी ना जाए. हालांकि बच्चे के जात कर्म संस्कार के बाद से यह पाबंदियां खत्म हो जाती है.
शवयात्रा में जाने से करें परहेज
किसी भी शमशान यात्रा में रुद्राक्ष धारण कर बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए. इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि भगवान शिव को जीवन और मृत्यु से परे माना जाता है. इसलिए उनके अंश माने जाने वाले रुद्राक्ष को पहनकर जीवन या मृत्यु से जुड़े स्थानों पर नहीं जाना चाहिए.
इसके अलावा कुछ मानवीय क्रियाओं के दौरान हमें रुद्राक्ष का उपयोग नहीं करना चाहिए जैसे कि मासिक धर्म के दौरान स्त्रियों को रुद्राक्ष का उपयोग करना वर्जित है.