भारत की बेटियां अगर कुछ चाह ले, तो पूरी लगन के मेहनत करके उसे पा ही लेती है। देश की बेटियों ने देश और बाहर विदेशों में बहुत मान सम्मान पाया है। वे दुनिया भर में कई उच्च पदों पर आसीन है। आज देश की बेटियां कठिन से कठिन परीक्षा भी क्रैक करके अफसर और साइंटिस्ट बन जा रही है। ऐसे में भारत सरकार का नारा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” सही दिशा में चलता देखे दे रहा है।
अब केवल देश की मेट्रो सिटीज ही नहीं, बल्कि गाँव गाँव से भी बेटियां निकलकर आ रही है और शिक्षित होकर बड़े बड़े काम कर रही है। इस कॉम्पिटिशन वाली राह में अब देश के उत्तर पूर्व के राज्यों की बेटियां भी पीछे नहीं है। पूर्वोत्तर के शहरों में भी प्रतिभा भरी पड़ी है।
भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के नागांव (Assam’s Nagaon) की रहने वाली नाजनीन यास्मीन (Naznin Yasmin) को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में जूनियर वैज्ञानिक (Junior Scientist) के रूप में नियुक्त किया गया है। नाजनीन ने तेजपुर विश्वविद्यालय से एम टेक की डिग्री हासिल की हुई हैं, जो हमेशा एक वैज्ञानिक के रूप में काम करने का सपना देखा करती थी।
उन्होंने अपने एक वैज्ञानिक मित्र की सहायता ली और खुद को वैज्ञानिक बनाने के मकसद से बहुत पढाई की और इसरो के लिए अपना मार्ग बनाने के लिए इंटरनेट का भी इस्तेमाल किया। बता दें की नाजनीन ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय के तहत एनआईटीएस मिर्जा कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स में बी टेक की पढाई की थी। जिसके बाद उन्होंने साल 2016 में तेजपुर विश्वविद्यालय से एम टेक में भी डिग्री हासिल कर ली। इनमे वे प्रथम श्रेणी से पास आउट हुई।
नाज़निन ने साल 2019 में इसरो (Indian Space Research Organisation) में चयन के लिए लिखित परीक्षा दिया और उसमे पास होने के बाद 11 अगस्त, 2021 को शिलांग के नॉर्थ ईस्ट स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में इंटरव्यू के लिए उन्हें बुलाया गया। वह 30 दिसंबर, 2021 से पहले आंध्र के श्रीहरिकोटा में इसरो मुख्यालय में एक वैज्ञानिक के रूप में अपनी नई नौकरी में शामिल होंगी।
नाज़नीन (Naznin Yasmin ISRO) के पिता अबुल कलाम आज़ाद एक स्कूल शिक्षक और उनकी माँ मंज़िला बेगम हाउस वाइफ हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नागांव के जुरिया से कदमोन टाउन हाई स्कूल में पूरी की थी। उन्हें भारत सरकार की जूनियर रिसर्च फेलोशिप से भी नवाजा गया था।
इसरो में अपने इंटरव्यू के बाते में उन्होंने एक अख़बार को बताया की मुझसे इंटरव्यू ले रहे पैनल ने पूछा कि मैं इसरो में क्यों शामिल होना चाहती हूँ, तो मैंने कहा कि मैं एक रॉकेट उड़ाना (Work as a rocket scientist) चाहती हूं। बस जो सपना था, वही सच बताया।