बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के भीतर हलचल तेज होती जा रही है। नवगछिया अनुमंडल में भाजपा के भीतर उठापटक और अंतर्कलह ने पार्टी समर्थकों को असमंजस में डाल दिया है। बिहपुर और गोपालपुर विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए की सीटों को लेकर मचे घमासान ने स्थानीय स्तर पर नई सियासी चर्चा को जन्म दे दिया है।
बिहपुर से भाजपा विधायक ई. कुमार शैलेंद्र एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। वे लगातार अपने क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं और पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा दोहरा रहे हैं। दूसरी ओर गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थिति कुछ अलग है। मौजूदा विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल का टिकट कटने की चर्चा जोर पकड़ चुकी है। बताया जा रहा है कि इस सीट से राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुए पूर्व सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को जदयू प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा जा सकता है।
बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बुलो मंडल के समर्थक लगातार प्रचार कर रहे हैं कि उनका टिकट पक्का हो चुका है। वे गोपालपुर की जनता से जदयू प्रत्याशी के रूप में उन्हें जिताने की अपील भी कर रहे हैं। इस दावे ने भाजपा खेमे में हलचल मचा दी है, क्योंकि एनडीए में अभी तक सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
इसी बीच 2015 में भाजपा के टिकट पर गोपालपुर से चुनाव लड़ चुके वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व प्रत्याशी अनिल यादव ने सोशल मीडिया पर एक तीखा पोस्ट कर पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया। उन्होंने लिखा कि “एनडीए की ओर से अभी तक प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं हुई है, लेकिन पड़ोसी विधानसभा के विधायक पहले से ही एक पूर्व सांसद को उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं और जनता से उन्हें जिताने की अपील कर रहे हैं। गोपालपुर की जनता समझदार है, वह सब कुछ देख और समझ रही है।”
अनिल यादव की इस पोस्ट के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच चर्चा का दौर शुरू हो गया है। कई लोग इसे भाजपा-जदयू के बीच बढ़ती खींचतान का संकेत मान रहे हैं। वहीं, कुछ समर्थकों का कहना है कि ऐसी पोस्ट पार्टी की एकता पर असर डाल सकती है।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नवगछिया में भाजपा और जदयू दोनों के बीच सीट को लेकर अंदरखाने मतभेद गहराते जा रहे हैं। गोपालपुर सीट पर दोनों दलों के नेताओं की सक्रियता से यह संकेत मिल रहा है कि अंतिम समय तक इस सीट पर सस्पेंस बना रह सकता है।
भाजपा के कार्यकर्ता मानते हैं कि यदि गोपाल मंडल का टिकट काटा गया तो इसका असर पार्टी के वोट बैंक पर पड़ सकता है, जबकि बुलो मंडल की जदयू से उम्मीदवारी क्षेत्र में नई समीकरण पैदा कर सकती है। कुल मिलाकर नवगछिया की राजनीति इस समय उबाल पर है और सोशल मीडिया इसका प्रमुख युद्धक्षेत्र बन गया है। आने वाले दिनों में एनडीए की आधिकारिक सूची ही यह तय करेगी कि अंततः गोपालपुर से कौन मैदान में उतरेगा और भाजपा में मची यह हलचल थमेगी या और बढ़ेगी।
