हाल ही में देश ने एक बार फिर अपने सामर्थ्य और संयम का परिचय दिया है। एक गंभीर आतंकी हमले के बाद जिस तरह से भारत ने प्रतिक्रिया दी, उसने न केवल दुनिया को चौंकाया बल्कि देशवासियों को भी गर्व से भर दिया। इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत की पराक्रमी सेनाओं, सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों ने जिस समर्पण और दक्षता के साथ काम किया, वह सराहनीय है। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए इस बयान में उन्होंने पूरे देश की ओर से इन वीरों को सैल्यूट किया, जो निस्संदेह उनके साहस और बलिदान के लिए एक उपयुक्त सम्मान है।
ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि किस प्रकार हमारे जवानों ने अपने अदम्य साहस और पराक्रम से इस ऑपरेशन को सफल बनाया। यह ऑपरेशन आतंकवादियों को उनकी करतूतों का माकूल जवाब देने के लिए चलाया गया था, जिसमें हमारे वीर सैनिकों ने न केवल दुश्मनों को करारा जवाब दिया, बल्कि आतंक के नेटवर्क को भी ध्वस्त किया। प्रधानमंत्री ने इस वीरता को देश की माताओं, बहनों और बेटियों को समर्पित कर एक संवेदनशील और सम्मानजनक संदेश दिया, जो राष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने को और अधिक मजबूत करता है।
इस हमले के बाद पूरे देश में एकजुटता की भावना देखने को मिली। आम नागरिक से लेकर सभी राजनीतिक दलों तक, हर कोई आतंकवाद के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग कर रहा था। यह एकता दर्शाती है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा और अस्मिता की होती है, तब भारत एक स्वर में बोलता है और कड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटता।
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने सेनाओं को पूरी तरह खुली छूट दे दी है — एक मजबूत और निर्णायक नीति जो यह दर्शाती है कि अब भारत सहन नहीं करेगा, बल्कि जवाब देगा। आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को यह संदेश स्पष्ट हो चुका है कि भारत अब हर ऐसे प्रयास का मुँहतोड़ जवाब देगा जो उसकी बेटियों के माथे से सिंदूर मिटाने की कोशिश करेगा।
यह वक्त केवल शोक का नहीं, बल्कि गर्व और संकल्प का है। यह देश की चेतना को जाग्रत करने वाला क्षण है। भारत अब न केवल अपने वीरों को सम्मान देता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि आतंक का कोई स्थान हमारे राष्ट्र में नहीं है। यही वह समय है जब हम सबको एकजुट होकर अपने सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाना चाहिए और एक दृढ़ राष्ट्र के रूप में खड़ा होना चाहिए।