बिहार के तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में अवैध रूप से कमजोर विद्यार्थियों और दबंग प्रवृति के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग नियम कानून भी है। वर्षों से पीजी वन में कमरों पर कब्जा करने वाले छात्र पर विश्वविद्यालय प्रशासन है मेहरबान। कमेटी गठन के बाद भी दबा दिया गया मामला।

भागलपुर! तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के हास्टलों में अवैध रुप से रह रहे विद्यार्थियों को हटाने में विश्वविद्यालय अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। यही नहीं अवैध रुप से कमजोर विद्यार्थियों और दबंग प्रवृति के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग नियम कानून भी है। इस लेकर विद्यार्थियों में काफी आक्रोश है। हालांकि वे लोग विश्वविद्यालय प्रशासन के विरूद्ध खुलकर बोलने में परहेज करते हैं। टीएमबीयू के पीजी पुरूष के कई हास्टलों में विद्यार्थियों ने जबरन कब्जा कर रखा है। बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी आंखों पर पट्टी बांध बैठी है।

एक विद्यार्थी का कई कमरों पर कब्जा

पीजी पुरुष छात्रावास संख्या एक में रिसर्च के विद्यार्थी लालू कुमार ने कई कमरों पर कब्जा कर रखा है। उसे हटाने को लेकर विश्वविद्यालय ने कई बार पत्र जारी किया, बावजूद उसने विश्वविद्यालय प्रशासन की बात मानने से इंकार किया। अधिकारियों ने उस पर सख्त कार्रवाई की बात कही, लेकिन सब बातें हवा हवाई साबित हुई। जब कुलपति प्रो. जवाहर लाल को मामले की जानकारी हुई तो उसे निकालने को लेकर कमेटी का गठन किया गया, किंतु कमेटी की बैठक भी सदस्य टालते गए।

जबकि उक्त विद्यार्थी पर कमरे में एसी लगाने, विद्यार्थी के कमरे को बाथरूम बनाने, अधीक्षक से दुव्र्यवहार करने और धमकाने, पीजी हिंदी के असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ मारपीट करने, परीक्षा नियंत्रक के साथ हाथापाई करने समेत कई आरोप है। इसके बाद भी अब तक उसके मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई के नाम पर खानापूरी करने में जुटी हुई है।

इसी तरह कुछ और छात्रावासों का यही हालत है, जहां कई ऐसे कमरे हैं, जिसमें अवैध तरीके से विद्यार्थी रहते हैं। वे लोग जांच के लिए अधिकारियों के आने की जानकारी होते ही कमरे में ताला लगाकर निकल जाते हैं। इससे उस कमरे के बारे में जानकारी नहीं हो पाती। विश्वविद्यालय प्रशासन भी इस मामले में ज्यादा रूचि नहीं लेती है।

छात्राओं को खाली करने से पूर्व लेना था अधीक्षक से एनओसी

पीजी महिला छात्रावासों से छात्राओं को कमरा खाली कराने के लिए एनओसी का नियम बनाया गया था। कमरा खाली नहीं करने पर विश्वविद्यालय द्वारा अंक पत्र और प्रमाण पत्र रोकने की बात कही गई थी। जबकि दबंग प्रवृति के विद्यार्थियों के लिए सभी नियम ताक पर हैं। वे कई वर्षों से कमरे में गलत तरीके से जमे हुए हैं, बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन उनसे कमरा खाली कराने में नाकाम रहा।

इस मामले की अवकाश के बाद समीक्षा होगी। कमेटी की रिपोर्ट क्यों नहीं आई है, पता किया जाएगा। इसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। – प्रो. जवाहर लाल, कुलपति टीएमबीयू

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