नवरात्रि का पर्व पूरे देश में भक्तिभाव और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। अश्विन मास में आने वाली शारदीय नवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और भी अधिक माना गया है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें कन्या पूजन का खास स्थान है। कन्याओं को माता दुर्गा का ही स्वरूप मानकर उन्हें भोजन और उपहार देकर सम्मानित किया जाता है।

उज्जैन के आचार्य पंडित विजय शंकर मिश्र का कहना है कि कन्या पूजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति में नारी शक्ति के सम्मान का प्रतीक है। उनका मानना है कि यदि इस दिन श्रद्धालु राशि अनुसार कन्याओं को उपहार अर्पित करें तो मां दुर्गा विशेष रूप से प्रसन्न होती हैं और परिवार पर अपनी कृपा बरसाती हैं।

### राशि अनुसार उपहारों का महत्व

पंडित मिश्र के अनुसार, अलग-अलग राशियों के अनुसार कन्याओं को उपहार देने से उनके माध्यम से माता दुर्गा का आशीर्वाद और भी फलदायी होता है।

* **मेष** : लाल रंग के कपड़े, मिठाई और चूड़ियां शुभ मानी जाती हैं।
* **वृषभ** : पीले रंग के वस्त्र, फल और अन्य सामग्री उपयुक्त है।
* **मिथुन** : सफेद मिठाई और किताबें देना श्रेष्ठ है।
* **कर्क** : दूध, मिठाई और पीले फल विशेष फलदायी हैं।
* **सिंह** : अनार, केले, केसर, हलवा और किताबें अर्पित करना शुभ है।
* **कन्या** : सूजी से बनी मिठाई दी जानी चाहिए।
* **तुला** : श्रृंगार की सामग्री अर्पण करने से माता प्रसन्न होती हैं।
* **वृश्चिक** : लाल वस्त्र और श्रृंगार सामग्री देना श्रेष्ठ है।
* **धनु** : बेसन के लड्डू, चना दाल और पीले फल शुभ फल प्रदान करते हैं।
* **मकर** : बादाम, काजू, मेवे और काजू कतली उत्तम है।
* **कुंभ** : सूजी का हलवा, अमरूद और पपीता देना उचित है।
* **मीन** : चावल की खीर और सफेद वस्तुएं विशेष महत्व रखती हैं।

### पुजारी की सलाह

आचार्य विजय शंकर मिश्र का कहना है कि कन्या पूजन के समय केवल भौतिक वस्तु देना ही आवश्यक नहीं है। कन्याओं को प्रेम, सम्मान और सादगी के साथ उपहार देने से माता दुर्गा अधिक प्रसन्न होती हैं। उन्होंने कहा, *“भले ही किसी व्यक्ति के पास महंगे उपहार न हों, लेकिन श्रद्धा और भक्ति से दिया गया छोटा सा उपहार भी मां की विशेष कृपा दिलाने वाला होता है।”*

उन्होंने यह भी जोड़ा कि कन्याओं को स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक चीजें देना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से फलदायी है, बल्कि समाज में भी अच्छे संदेश का संचार करता है।

### संदेश श्रद्धालुओं के लिए

नवरात्रि 2025 के अवसर पर आचार्य मिश्र ने सभी श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि कन्या पूजन के समय अपने आसपास की कन्याओं को अवश्य आमंत्रित करें और उन्हें ससम्मान उपहार प्रदान करें। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वातावरण बनता है।

कन्या पूजन, नवरात्रि का ऐसा पर्व है जो नारी शक्ति को सम्मानित करने और समाज में भाईचारे और प्रेम की भावना को प्रोत्साहित करने का सशक्त माध्यम है। यह केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी हमारी परंपरा की गहरी जड़ें दर्शाता है।

 

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